आंखें हमारे चेहरे की सबसे खूबसूरत और जरूरी अंग हैं। आंखों के बिना जिंदगी अंधेरी ही नहीं अधूरी भी है। इसलिए इनका खयाल रखना हमारी अहम जिम्मेदारी है। एक उम्र के बाद आंखों की रोशनी कम होने लगती है और मोतियाबिंद जैसे बीमारी आंखों की रोशनी छीन लेती है।
क्या है मोतियाबिंद?
मोतियाबिंद आंखों की एक ऐसी बीमारी है, जो कि आपने अपने आसपास किसी ना किसी को होते हुए जरूर देखी होगी. इसमें आंखों के लैंस पर धुंधली सफेद परत जम जाती है. इससे व्यक्ति को कम दिखाई पड़ने लगता है.
यह बीमारी ज्यादातर बूढ़े लोगों में देखी गई है. मगर आजकल ज्यादा स्क्रीनटाइम होने के कारण जवान लोगों में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है. मोतियाबिंद होने के कई कारण होते हैं, जिसके शुरुआती लक्षणों के बारे में जानना सभी के लिए बेहद जरूरी है. इससे आप समय रहते ही इस परेशानी का सही इलाज करा सकते हैं.
मोतियाबिंद के कारण
उम्र बढ़ना: मोतियाबिंद का सबसे आम कारण उम्र बढ़ना है. उम्र के साथ आंख के लेंस में प्रोटीन और फाइबर में बदलाव होता है, जिससे लेंस धुंधला हो जाता है. इसीलिए यह परेशानी ज्यादातर बुजुर्गों में देखी जाती है.
चोट: कई बार आंख में किसी प्रकार की चोट लगने से भी मोतियाबिंद हो सकता है.
बीमारियां: डायबिटीज, ग्लूकोमा और यूवाइटिस जैसी बीमारियों से भी मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है. यह बीमारियों आंखों पर गहरा असर डालती हैं, जिससे यह परेशानी हो सकती है.
दवाएं: कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है.
धूप: अधिक समय तक धूप में रहने से भी मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है.
जैनेटिक बीमारी: यदि परिवार में किसी को मोतियाबिंद है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है.
मोतियाबिंद के लक्षण
धुंधला दिखाई देना: मोतियाबिंद का सबसे आम लक्षण धुंधला दिखाई देना है.
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता: मोतियाबिंद होने पर रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है.
रात में देखने में परेशानी: मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को रात में या कम रोशनी में देखने में परेशानी होती है.
रंगों में फर्क: मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को रंगों को पहचानने में परेशानी होती है. अगर ऐसा कोई लक्षण महससू हो तो तुरंत आंखों की जांच कराएं.
दोहरी दृष्टि: कुछ मामलों में दोहरी दृष्टि की समस्या भी हो सकती है. इसमें व्यक्ति की आंखों पर परत चढ़ने पर उसे धुंधला और चीजें दो-दो करके दिखाई देने लगती हैं.
मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं आहार :
साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस, बाजरा, दलिया, क्विनोआ, राई और गेहूं
मछली
फल और सब्ज़ियां
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीज़ें, जैसे अंगूर, अनार, रास्पबेरी, स्ट्रॉबेरीज़, ब्लू बेरीज़, ब्लैकबेरीज़ और गोजी जामुन,पपीता।
मोतियाबिंद सर्जरी के बाद, आपको ये चीज़ें खानी चाहिए:
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीज़ें, जैसे अंगूर, अनार, रास्पबेरी, स्ट्रॉबेरीज़, ब्लू बेरीज़, ब्लैकबेरीज़ और गोजी जामुन
प्रोटीन, ओमेगा 3, और विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे मछली, हरी सब्जियां, फल आदि
आंखों के लिए अच्छे होने वाले कुछ और पोषक तत्व ये हैं:
विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, ल्यूटिन, जेक्सैंथिन, बीटा कैरोटीन, जिंक.
मोतियाबिंद सर्जरी के बाद, तले हुए खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रीशन (क्वालिफाई डायटीशियन/ एडुकेशन, अहमदाबाद)