हमारे देश में जब भी कोई युगल माता-पिता नहीं बन पाए तो उसका सारा दोष लोग महिलाओं पर ही डालते हैं कि इसमें ही कोई कमी होगी यही प्रजनन नहीं कर सकती इसमें क्षमता नहीं है इसका ही इलाज जरूरी है। लेकिन कभी भी किसी पुरुष में कोई कमी होने या उसमें कोई रोग होने की कोई संभावना मात्रा तक भी नहीं छोड़ते, जो कहीं से भी सही नहीं है। किसी भी युगल का माता-पिता बनना उन दोनों की शारीरिक और मानसिक क्षमता और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।पुरुषों के शुक्राणु और महिलाओं के अंडे के गुणवत्ता पर बच्चे का जन्म निर्भर करता है। इसलिए जितना महिलाएं किसी बच्चे को जन्म देने के लिए जिम्मेवार है उतना ही पुरुष का भी योगदान बराबर ही है।

कितनी होनी चाहिए शुक्राणुओं की संख्या: आजकल पुरुषों में शुक्राणुओं की कम संख्या एक आम समस्या है। इससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इसके अलावा, इसका शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अधिकांश पुरुष 40 वर्ष की आयु से पहले कम शुक्राणुओं की समस्या का सामना करते हैं।

खराब जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार, तनाव और हार्मोनल असंतुलन इसके मुख्य कारण हैं।धूम्रपान, शराब पीना और दवाइयां लेने जैसी खराब स्वास्थ्य आदतें शुक्राणुओं की संख्या कम होने का कारण बन सकती हैं। विशेष रूप से भोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

शुक्राणुओं की संख्या कम करने वाले खाद्य पदार्थ 

*सोया उत्पाद

सोया उत्पादों में पाए जाने वाले वनस्पति-आधारित एस्ट्रोजेन पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। इनका अधिक सेवन करने से बांझपन हो सकता है।

 

*प्रसंस्कृत मांस

प्रसंस्कृत मांस का स्वाद भले ही अच्छा हो, लेकिन उनमें मौजूद रसायन शुक्राणु उत्पादन को कम कर सकते हैं। जितना संभव हो सके, केवल ताजा, प्राकृतिक मांस का ही सेवन करना सबसे अच्छा है।

*ट्रांस वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ट्रांस वसा न केवल हृदय रोग का कारण बनती है, बल्कि शुक्राणुओं की संख्या भी कम करती है। इसलिए, आपको बेकरी उत्पादों और प्रसंस्कृत स्नैक्स का सेवन कम करना चाहिए।

कीटनाशकों से उगाई गई सब्जियाँ और फल

वर्तमान में, कई खाद्य उत्पाद रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करके उगाए जाते हैं। इन खाद्य पदार्थों को बिना अच्छी तरह धोए खाने से प्रजनन स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

नॉन-स्टिक कुकवेयर का उपयोग करना

नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाते समय इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ रसायन पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, जितना संभव हो सके नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग कम करें।

 वसा युक्त दूध

अधिक दूध पीना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। हालाँकि, पूर्ण वसा वाला दूध समस्याएँ पैदा कर सकता है। गायों को दिए जाने वाले हार्मोन के प्रभाव के कारण दूध पीने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।

इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, उचित आहार खाकर और तनाव कम करके पुरुष अपने शुक्राणुओं की संख्या में सुधार कर सकते हैं। विशेष रूप से, फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार को शामिल करके अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

यदि मानव शरीर को अपने स्वास्थ्य में सुधार करना है तो परिवर्तन अपरिहार्य हैं। उचित आहार, व्यायाम और अच्छी जीवनशैली से शुक्राणुओं की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                         (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर, अहमदाबाद) 

By AMRITA

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