(एचएमपीवी) क्या है?

ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक श्वसन वायरस है, जो न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) भी शामिल है। इसे 2001 में नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया था। यह वायरस दुनिया भर में फैल चुका है। एचएमपीवी हल्की ठंड से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण जैसे ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है।

किन्हें एचएमपीवी का अधिक खतरा है?

एचएमपीवी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन निम्नलिखित समूहों में इसके गंभीर प्रभाव का खतरा अधिक होता है:

  • शिशु और छोटे बच्चे: विशेष रूप से 5 साल से कम उम्र के।
  • बुजुर्ग: 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग:
    • कैंसर के मरीज जो कीमोथेरेपी ले रहे हैं।
    • अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता।
    • HIV/AIDS से पीड़ित लोग।
  • पुरानी फेफड़ों की बीमारियों वाले लोग: जैसे अस्थमा या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)।

एचएमपीवी के लक्षण

एचएमपीवी के लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे हो सकते हैं, लेकिन इनकी गंभीरता उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।

वयस्कों में लक्षण

  • नाक बंद या बहना।
  • गले में खराश।
  • खांसी।
  • हल्का बुखार।
  • सिरदर्द।
  • गंभीर मामलों में: सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया।

बच्चों में लक्षण

  • खांसी और नाक बहना।
  • बुखार।
  • सांस लेने में घरघराहट।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • उल्टी और निर्जलीकरण।
  • गंभीर मामलों में: ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया।

एचएमपीवी कैसे फैलता है?

एचएमपीवी विभिन्न तरीकों से फैल सकता है:

  • श्वसन बूंदें: संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से।
  • सीधे संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने या छूने से।
  • दूषित सतहें: संक्रमित सतहों को छूने के बाद चेहरे को छूने से संक्रमण फैल सकता है।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्र: जहां हवा में वायरस के कण लंबे समय तक रह सकते हैं।

एचएमपीवी का निदान कैसे किया जाता है?

एचएमपीवी का सटीक निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  1. RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन): यह परीक्षण वायरस के RNA का सटीकता से पता लगाने में सहायक है।
  2. ELISA (एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉरबेंट एस्से): यह परीक्षण एंटीजन या एंटीबॉडी की मौजूदगी का सटीकता से पता लगाता है।
  3. NAAT (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट): वायरल जीनोम का पता लगाता है।
  4. ब्रोंकोस्कोपी: गंभीर मामलों में फेफड़ों से नमूने लेने के लिए।

एचएमपीवी से जुड़ी जटिलताएं

एचएमपीवी से निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं:

  • निमोनिया
  • ब्रोंकियोलाइटिस
  • श्वसन संकट सिंड्रोम (ARDS)
  • पुरानी बीमारियों का बिगड़ना: जैसे अस्थमा और COPD।
  • द्वितीयक बैक्टीरियल संक्रमण: जैसे बैक्टीरियल निमोनिया।

एचएमपीवी का उपचार कैसे किया जाता है?

एचएमपीवी के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को प्रबंधित करने पर केंद्रित है:

  • आराम और जलयोजन: जल्दी ठीक होने के लिए।
  • ओवरकाउंटर दवाएं: बुखार और दर्द कम करने के लिए।
  • इनहेलर्स या मौखिक स्टेरॉयड: गंभीर मामलों में सूजन कम करने के लिए।
  • ऑक्सीजन थेरेपी: सांस लेने में कठिनाई होने पर।

एचएमपीवी से बचाव के उपाय

एचएमपीवी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

  1. हाथ धोना: साबुन और पानी का उपयोग करके कम से कम 20 सेकंड तक हाथ साफ करें।
  1. सतहों की सफाई: दरवाजों और काउंटर जैसी सतहों को कीटाणुरहित करना।
  2. भीड़भाड़ से बचें: खासकर फ्लू सीजन के दौरान।
  3. मास्क पहनना: वायरस के प्रसार को रोकने के लिए।
  4. बीमार होने पर घर पर रहें: दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि आप या आपका बच्चा निम्नलिखित लक्षण अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • तेज बुखार (103°F से अधिक)।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • नीले होंठ या त्वचा।
  • लक्षणों का बिगड़ना या 3 दिनों से अधिक समय तक ठीक न होना।

निष्कर्ष

ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक महत्वपूर्ण श्वसन वायरस है, जो कमजोर समूहों में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। समय पर पहचान और रोकथाम के उपाय इस वायरस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि आप एचएमपीवी से प्रभावित हैं या लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 (प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) ‌‌                (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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