हाल के चिकित्सकीय रिपोर्टों के अनुसार, अब 25 से 35 वर्ष के युवा भी नसों में रुकावट यानी आर्टरी ब्लॉकेज के शिकार हो रहे हैं। यह स्थिति तब और खतरनाक बन जाती है जब इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए। आइए जानते हैं इसके 5 प्रमुख संकेत और इससे बचाव के प्रभावी उपाय।
कम उम्र में नस ब्लॉक होने के 5 संकेत
सीने में असामान्य दर्द या दबाव
यदि हल्का काम करते ही या आराम की स्थिति में भी सीने में जलन, दर्द या दबाव महसूस हो, तो यह हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों के ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
थकान और सांस फूलना
बिना ज्यादा मेहनत के ही थकान महसूस होना या सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस फूल जाना, शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त की कमी को दर्शाता है।
हाथ-पैरों में झनझनाहट या ठंडापन
खासकर एक ही ओर हाथ या पैर में बार-बार झनझनाहट या ठंडापन महसूस होना ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट का इशारा करता है।
दिल की धड़कन अनियमित होना
हृदय गति का तेज़ या धीमा हो जाना, विशेष रूप से बिना किसी शारीरिक प्रयास के, एक चेतावनी संकेत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
माइग्रेन या चक्कर आना
दिमाग तक रक्त प्रवाह में रुकावट होने पर माइग्रेन जैसी समस्याएं, चक्कर आना या असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
ब्लॉकेज के कारण
जंक फूड और तैलीय भोजन का अधिक सेवन
शारीरिक गतिविधियों की कमी
धूम्रपान और शराब की आदत
तनावपूर्ण जीवनशैली
डायबिटीज़, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल की अनदेखी
विशेषज्ञों का मानना है कि ये सभी कारक धीरे-धीरे धमनियों में प्लाक जमा करने लगते हैं, जो आगे चलकर ब्लॉकेज का कारण बनते हैं।
बचाव
))) नियमित व्यायाम करें, खासकर कार्डियो एक्सरसाइज।
)))स्वस्थ और संतुलित आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत शामिल करें।
))) धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
))) नियमित जांच कराएं – खासकर ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की।
))) तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पर्याप्त नींद को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।