गाजर और मूली ऐसी सब्जियां हैं जिसे सर्दियों में खासा पसंद किया जाता है।लेकिन मूली की तासीर को लेकर अक्सर लोग काफी भ्रम में रहते हैं साथ ही मूली के साथ क्या खाना चाहिए क्या नहीं यह भी तर्क वितर्क का विषय है। आयुर्वेद के अनुसार, मूली की तासीर समय के हिसाब से बदलती है। सुबह के समय इसका प्रभाव गर्म होता है, जिससे यह शरीर को सर्दी के मौसम में गर्मी देती है। लेकिन शाम के समय इसका सेवन करने से इसकी तासीर ठंडी हो जाती है, जो पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है।
सलाद में अक्सर मूली और खीरे का संयोजन किया जाता है, लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। खीरे में एस्कॉर्बेट होता है, जो मूली में मौजूद विटामिन सी को अवशोषित करने से रोकता है। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते।
मूली खाने के तुरंत बाद दूध का सेवन करने से पेट में गैस, एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मूली और दूध के बीच कम से कम 2-3 घंटे का अंतर रखना चाहिए।
मूली और संतरा का संयोजन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। दोनों का एक साथ सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
मूली और करेले को एक साथ खाने से इनके प्राकृतिक तत्व आपस में क्रिया कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी या हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
चाय पीने के तुरंत बाद मूली का सेवन करने से कब्ज और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। चाय और मूली की प्रकृति एक-दूसरे के विपरीत होती है, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है।
मूली का सेवन सुबह के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है। अगर इसे सलाद में खाना हो तो खीरा, संतरा, या दही जैसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसे पकाकर खाने से इसके ठंडे प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मूली सर्दियों की एक बेहद लाभकारी सब्जी है, लेकिन इसे सही समय और संयोजन में खाना बहुत जरूरी है। अगर आप इसका सेवन सही तरीके से करेंगे तो यह आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाएगी, अन्यथा यह नुकसान भी पहुंचा सकती है। किसी भी समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर, अहमदाबाद)