प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील                      (क्वालीफाइड डायटीशियन, आगरा) 

पीसीओएस यानी ‘पॉलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम’, यह एक गंभीर समस्या है, जिसका इलाज कराना बेहद जरूरी है। आज हर दूसरी लड़की और महिला इस समस्या से जूझ रही है। PCOS से पीड़ित महिलाओं का व्यवहार चिड़चिड़ा होने लगता है।

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को आम भाषा में PCOS भी कहा जाता है। यह समस्या आमतौर पर महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है। इसमें महिला के शरीर में मेल हार्मोन ‘एंड्रोजन’(Androgen) का लेवल बढ़ जाता है। उच्च एंड्रोजन स्तर अंडाशय को अंडे (ओव्यूलेशन) को छोड़ने से रोकता है, जो अनियमित मासिक धर्म चक्र का कारण बनता है। अनियमित ओव्यूलेशन भी अंडाशय में छोटे, द्रव से भरे थैली विकसित करने का कारण बन सकता है। उच्च एंड्रोजन महिलाओं में मुंहासों और अतिरिक्त बालों के विकास का कारण बनता है। इसकी वजह से महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई सारी समस्याएं होने लगती हैं।

पीसीओएस होने का पता चलते ही आप इसके लक्षणों को कुछ हेल्दी फूड्स के सेवन से कंट्रोल में रख सकती हैं।

PCOS के लक्षण:-

पीरियड्स न आना या फिर अनियमित होना

-ओवरी में कई सिस्ट होना

-शरीर पर अधिक बाल होना

-वजन बढ़ना

-बालों का बहुत अधिक झड़ना

-मोटापा

– एक्ने की समस्या होना

-त्वचा का काला पड़ना। खासतौर पर गर्दन, बगल, पैरों के बीच और स्तनों के नीचे

PCOS में क्या खाएं

हाई-फाइबर फूड

फाइबर रिच डाइट पीसीओएस में फायदेमंद मानी जाती है। इन समस्याओं से पीड़ित महिलाओं को ब्रोकली, पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी, शकरकंद, बीन्स, गाजर, लौकी जैसे फाइबर फूड को अपने रोजमर्रा के खाने शामिल करना चाहिए। फलों को भी फाइबर का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। मौसम के अनुसार उपलब्ध फलों का भी सेवन करें।

 

साबुत अनाज

प्रोटीन, फाइबर के अलावा दाल और साबुत अनाज अन्य कई पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। पीसीओएस के मरीजों को साबुत अनाज और बीन्स के सेवन की सलाह दी जाती है। ऐसे लोग अपनी डाइट में चना दाल, दाल, सोयाबीन और काबुली चना जैसे अनाज को शामिल कर सकते हैं।

नट्स और ड्राईफ्रूट्स

अपनी डाइट में अखरोट, बादाम और हेज़लनट्स शामिल करें। इसके साथ ही अलसी के बीज, पाइन नट्स और तिल के बीजों को भी अपने दैनिक भोजन में जगह दें सकते है।

 

लो-कार्बोहाइड्रेट फूड्स

अपनी डाइट में कम कार्ब्स वाले आहार जैसे चिकन, मछली, नमकीन लस्सी, छाछ, सादा दही आदि शामिल कर सकते हैं।

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