र्दियों के मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखना पड़ता है। कौन-सी चीज उनके लिए सही है और कौन सी नहीं, इन बातों का ख्याल रखे बिना उन्हें कुछ भी खिलाना खतरे से खाली नहीं। ठंड के मौसम में अक्सर बच्चों को खांसी, जुकाम, नाक बहना, कान दर्द जैसी कई समस्याएँ होने लगती हैं। वहीं इस वक्त प्रदूषण भी ज्यादा बढ़ गया है, ऐसे में उनके स्वास्थ्य को देखते हुए हेल्दी फूड आइटम्स को उनकी डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है। लेकिन आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे चीजों के बारे में जिसे सर्दियों के मौसम में बच्चों को बिल्कुल नहीं खिलाना चाहिए, इससे परेशानी बढ़ सकती है।

हालांकि बच्चे इन फूड आइटम्स को खाने के लिए अक्सर जिद करते हैं, लेकिन पैरेंट्स हमेशा यह ध्यान रखें कि इन चीजों की उनसे दूरी बनाई जाए। बच्चों को सही भोजन खिलाना महत्वपूर्ण है, उन्हें बीमार होने से बचाने के लिए उन्हें हाइड्रेटेड रखें और अच्छी तरह आराम दें।

मेयोनीज

मेयोनीज में हिस्टामाइन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को एलर्जी से लड़ने में मदद करता है। लेकिन सर्दी के मौसम में हिस्टामाइन चावल वाले खाद्य पदार्थ खाने से बलगम बनने का खतरा रहता है। इससे गले की समस्याएं हो सकती हैं। मेयोनीज के अलावा हिस्टामाइन टमाटर, एवोकाडो, मशरूम सिरका, छाछ, अचार या फिर खमीरयुक्‍त भोजन में भी पाया जाता है।

ऑयली फूड

मख्खन, ऑयली या फिर ओमेगा 6 फैटी एसिड युक्त चीजों को खाने से लार या फिर बलगम गाढ़ा हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि सर्दियों के मौसम में ऑयली या फिर सॉल्टी फूड जैसे आइटम्स को बच्चों से दूर रखा जाए। इस मौसम में खाना पकाने के लिए मख्खन जैसी चीजों के बजाय वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल करें। इससे बच्चे सर्दियों में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।

अधिक मीठी चीज

बच्चों को मीठा कितना पसंद होता है यह बताने की जरूरत नहीं है। बच्चे कैंडी, चॉकलेट, सोडा, और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों को खाना खूब पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इन चीजों के अधिक सेवन से व्हाइट ब्लड सेल जो हमें संक्रमण और बीमारियों से बचाती है, वह धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। बहुत अधिक चीनी खाने से बच्चों में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स

एक बार बच्चों में गले की समस्या बढ़ी तो उसे ठीक करना काफी मुश्किल हो जाता है। वहीं पनीर, क्रीम या फिर क्रीम से बनने वाली चीजों का सेवन करने से बच्चों की लार व बलगम गाढ़ा हो जाता है। इससे उन्हें पानी पीने या फिर खाने को निगलने में काफी समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स के इन फूड आइटमों से दूर रखा जाना चाहिए।

मीट-मछली
बच्चे की पाचन शक्ति कैसी है यह जानना बहुत जरूरी है। बहुत बच्चे मीट या फिर मछली जैसी चीजों को नहीं पचा पाते हैं, क्योंकि इनमें प्रोटीन ज्यादा होता है और यह बलगम को भी बढ़ावा देता है। इसे खाने से उनके गले में जलन या फिर पेट में कोई और समस्याएं पैदा हो सकती हैं। वहीं खासकर बच्चों को प्रोसेस्ड मीट या फिर अंडे जैसी चीजों को शुरुआत में खिलाने से बचना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *