माँ का दूध एक अद्भुत और अनमोल पोषक तत्व है जो नवजात शिशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार होता है। इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जो न केवल शिशु के विकास में सहायक होते हैं, बल्कि माता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं।माँ का दूध को ‘तरल सोना’ और अमृत संजीवनी भी कहा जाता है।
माँ के दूध में होते हैं जीवनदायिनी गुण
एंटीबैक्टीरियल गुण
स्तन दूध में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शिशु को विभिन्न संक्रमणों से बचाते हैं। इसमें मौजूद तत्व, जैसे कि लैक्टोफेरिन और इम्युनोग्लोबुलिन, शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। ये तत्व हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं और शिशु को स्वस्थ रखते हैं।
पोषण और जलयोजन से परिपूर्ण
स्तन दूध में शिशु के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व और जलयोजन होते हैं। इसमें प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं। स्तन दूध शिशु की प्यास और भूख दोनों को शांत करता है और उसे पूरी तरह से पोषण प्रदान करता है।
माता के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
स्तनपान केवल शिशु के लिए ही नहीं, बल्कि माता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। स्तनपान से माता का वजन नियंत्रित रहता है और स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और हृदय रोग का खतरा कम होता है। इसके अलावा, स्तनपान से माता और शिशु के बीच का भावनात्मक संबंध मजबूत होता है।
दर्द निवारक
स्तन दूध में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं। इसमें मौजूद ऑक्सीटोसिन हार्मोन माताओं को शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह हार्मोन दर्द को कम करता है और स्तनपान के दौरान आराम और संतोष का अनुभव कराता है। शिशु के लिए भी, स्तनपान के समय मिलने वाला आराम दर्द को कम करता है, जैसे कि टीकाकरण के बाद।
सामान्य बीमारियों से प्रतिरक्षा
स्तन दूध शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सामान्य बीमारियों की अवधि को कम करता है। स्तनपान करने वाले शिशुओं में सर्दी, खांसी और दस्त जैसी सामान्य बीमारियाँ जल्दी ठीक हो जाती हैं। स्तन दूध में मौजूद एंटीबॉडी और अन्य प्रतिरक्षात्मक तत्व शिशु को बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं।
शिशु की लार के अनुसार बदलती है गुणवत्ता
स्तन दूध का एक अद्वितीय गुण यह है कि यह शिशु की लार के अनुसार बदलता है। शिशु की लार में मौजूद संकेतों के आधार पर स्तन दूध में बदलाव होता है, जिससे शिशु की आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्व मिलते हैं। यदि शिशु बीमार है, तो स्तन दूध में एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है, जो शिशु को जल्दी ठीक करने में मदद करती है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)