मई-जून की भीषण गर्मी में हम सब लोग अपनी डाइट में ठंडी तासीर वाले फल-सब्जी को शामिल करते हैं ताकि शरीर का गर्मी से बचाव हो सके। इस क्रम में खीरा, खरबूजा, तरबूज, लौकी आदि के साथ आप गोंद कतीरा को भी शामिल कर सकती हैं। यह पेड़ से निकलने वाला एक पीले रंग का चिपचिपा पदार्थ है, जिसको सुखाकर इस्तेमाल योग्य बनाया जाता है। यह अधिकांश पंसारी की दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। अधिकांश लोग गोंद कतीरा और गोंद को एक ही पदार्थ मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।
गोंद कतीरा व गोंद में अंतर
• गोंद चमकदार होता है, जबकि गोंद कतीरा सफेद व पीले रंग का होता है। इसमें चमक नहीं पाई जाती।
• गोंद कतीरा स्वाद हीन होता है और पानी में भिगोने पर जेली की तरह कुछ घंटों में फूल जाता है, जबकि गोंद पानी में घुल जाता है।
• गोंद कतीरे का प्रयोग विशेष तौर पर गर्मियों में किया जाता है, जबकि गोंद का प्रयोग सर्दियों में।
• गोंद महंगा होता है और उसको फ्राई करने के बाद ही कुछ बनाने में प्रयोग में लाया जाता है। जबकि गोंद कतीरा बहुत महंगा नहीं होता और फ्राई भी नहीं किया जाता है । इसको दूध या पानी में भिगोकर ही प्रयोग में लाया जाता है।
• गोंद कतीरा स्वादहीन व गंधहीन होता है, अत: आप इसे किसी भी पेय पदार्थ, डिप, खीर आदि में आसानी से मिला सकती हैं।
आहार में ऐसे करें शामिल
# गोंद कतीरे का दो प्रयोग से किया जा सकता है। पहला, गोंद कतीरे के एक या दो छोटे टुकड़े लेकर कांच के आधा गिलास पानी में रात भर भिगो दें। यह फूलकर जेली की तरह हो जाता है। दूसरा इसका पाउडर बनाकर रख लें। दो टेबल स्पून लेकर उसको ठंडे या गर्म दूध में मिलाकर लें। चीनी की जगह मिश्री डालें।
# पानी में रूह अफजा या कोई दूसरा ड्रिंक डालकर उसमें थोड़ा सा फूला हुआ गोंद कतीरा मिलाकर उपयोग करें।
# दही के साथ चाहे नमकीन छाछ बनाएं या मीठी, उसमें थोड़ा-सा फूला हुआ गोंद कतीरा भी मिला दें।
# खीर, र्पुंडग ,रबड़ी आदि बनाकर उसको बाउल में रखकर ऊपर से फूला हुआ गोंद कतीरा फैला दें। फ्रिज में ठंडा करके सर्व करें। खाने वाले तारीफ करते नहीं थकेंगे।
# यदि रोज-रोज भिगोना समयाभाव के कारण मुश्किल हो तो ज्यादा गोंद कतीरा लेकर रात भर भिगोएं और सुबह फ्रिज में रख लें। चार-पांच दिन आराम से प्रयोग में लाएं।
# गोंद कतीरे के पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जब रात में गोंद कतीरे को भिगोना भूल जाएं। ऐसे में एक चम्मच पाउडर लें और आधा गिलास पानी में 1 घंटे के लिए भिगो दें। जेली तैयार है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)