ज्वाइंट पैन के लिए खराब डाइट बेहद मायने रखती है। डाइट में कैल्शियम और विटामिन K की कमी होने से जॉइंट पैन की परेशानी होती है। जोड़ों में दर्द चोट लगने, लगातार हार्ड वर्क करने से, खेलकूद से, खराब मुद्रा में बैठने-उठने से और कुछ चिकित्सा स्थितियों की वजह से भी जोड़ों में दर्द की परेशानी होने लगती है। जोड़ों के दर्द का उपचार करने के लिए डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन सी से भरपूर फूड और हड्डियों का सूप भी बनाकर पी सकते हैं। डाइट में इन फूड्स का सेवन कार्टिलेज को फायदा पहुंचाता है। इस तरह की डाइट का सेवन करके आप जोड़ों के दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं।
ज्वाइंट में दर्द होने पर अक्सर ज्यादातर लोग चलना-फिरना छोड़ देते हैं और सिर्फ बिस्तर पकड़ लेते हैं। कुछ दिनों रेस्ट किया जाए तो कोई बुरी बात नहीं है लेकिन रेगुलर आप बिस्तर पर रहेंगे तो आपके जोड़ जाम हो जाएंगे और उसमें शिद्दत का दर्द पैदा होगा। ज्वाइंट को हेल्दी और मजबूत बनाने के लिए आप रेगुलर एक्सरसाइज करें और कुछ हर्बल चीजों का पाउडर पानी में पकाकर पिएं।
हर्बल पाउडर को बनाने के लिए आप अदरक,हल्दी और काली मीर्च लें और उसकी चाय बनाकर पिएं। ये देसी नुस्खा जोड़ों के दर्द को दूर करेगा,घुटनों में ग्रीस को बढ़ाएगा और सूजन और दर्द से भी छुटकारा दिलाएगा। आइए जानते हैं कि इस चाय के फायदे कौन से हैं और इसे कैसे तैयार करें।
कैसे तैयार करें हर्बल टी
टर्मरिक जिंजर टी एक ऐसी चाय है जो एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर है। इस चाय को बनाने के लिए आप एक चम्मच अदरक कद्दूकस किया हुआ, एक टुकड़ा हल्दी या आधा चम्मच हल्दी का पाउडर, एक चुटकी काली मिर्च लें। अगर आपको डायबिटीज नहीं है तो आप एक चम्मच शहद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस हर्बल टी को बनाने के लिए आप एक पेन में दो कप पानी डालें और उसमें अदरक और हल्दी डालकर हल्की आंच पर पकाएं। आप कुछ देर पकाने के बाद उसमें एक चुटकी काली मिर्च और शहद को मिक्स करें और उसका सेवन करें। इस हर्बल टी का स्वाद आपको पसंद आएगा साथ ही आपको जोड़ों के दर्द और सूजन से भी राहत मिलेगी। दिन में एक से दो बार इस ड्रिंक का सेवन आप कर सकते हैं।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद
औषधीय गुणों से भरपूर अदरक एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है जो मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को दूर करती है। हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसमें सूजन रोधी गुण मौजूद हैं। इसका सेवन करने से किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव होता है, बॉडी में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत होती है। हल्दी के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं।
काली मिर्च में भी दर्द को दूर करने वाले गुण मौजूद होते हैं। काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन की वजह से इसका स्वाद तीखा होता है। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)