अमृता (क्वालिफाइड डायटीशियन, अहमदाबाद) 

नमस्ते पाठकों, मेरे पिछले लेख में आपने तीसी यानि अलसी के लड्डू बनाने का आसान तरीका सीखा था। मैने अपने अगले लेख में अलसी के फायदे नुकसान की जानकारी साझा करने की बात कही थी। तो आइए आज अलसी की विशेषता, उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

यह तिल के समान दिखने वाली अलसी पोषक तत्व का भंडार है। यह इम्यूनिटी बूस्टर होने के साथ, सेहतमंद पाचन, स्वस्थ दिल, ग्लोइंग स्किन, वजन को घटाने वाली और बालों को मजबूत बनाने वाली है। आज इस लेख में हम इसी अलसी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।

अलसी के बीज अपने गुणों के कारण लोगों में बहुत मशहूर है। यह अलसी के बीज हमारी सेहत के लिए फायदों से भरे हुए हैं। गलत खान-पान के कारण हमारा शरीर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में यदि आप अपने खाने में इस छोटी-सी चीज को शामिल कर लें तो आप बड़ी से बड़ी बीमारियों के जोखिम से अपना बचाव कर सकते हैं।

अलसी एक तरह का बीज है। अलसी का हिंदी नाम तीसी है और अंग्रेजी में इसे फ्लैक्स सीड कहा जाता है। यह एक तरह की जड़ी-बूटी है जिसका औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

इसके बीजों का तेल निकाला जाता है और यह तेल काफी गाढ़ा होता है। यह तेल मुख्य रूप से रंग, साबुन, पेंट आदि में इस्तेमाल किया जाता है।

अलसी के फायदे

हृदय के लिए फायदेमंद – अलसी के बीज हृदय स्वास्थ्य में भी सहायक होते हैं। अलसी में मौजूद लिगनेन कॉम्प्लेक्स और सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल डाईग्लूकोसाइड गुण हृदय स्वास्थ्य में मुख्य भूमिका निभाते हैं। यह गुण ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं और हृदय नसों में पैदा होने वाली रुकावट को कम कर सकते हैं।

मधुमेह में दे राहत – मधुमेह रोगियों के लिए बहुत कारगर है, इसमें मौजूद फाइबर और म्यूलिसेज की मौजूदगी के कारण यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल कर सकती है। अलसी में एंटीडायबिटिक तत्व भी मौजूद होते हैं। अलसी के बीज टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं।

मोटापा घटाने में रामबाण – अलसी डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। फाइबर की मौजूदगी के कारण यह शरीर में बढ़े हुए प्लाज्मा और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। यह शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी को भी कम करने में सहायक है जिससे आपका वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

लीवर के लिए लाभप्रद – अलसी के उपयोग से नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर की समस्या से ग्रस्त रोगियों को राहत मिल सकती है। शोध में पाया गया है कि अगर खानपान और दैनिक दिनचर्या में संतुलन के साथ-साथ यदि आप अलसी के बीज का सेवन करें तो फैटी लीवर की समस्या को आप काफी हद तक कम कर सकते हैं। अलसी में मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड जैसे गुण लीवर के स्वास्थ्य में मुख्य भूमिका अदा करते हैं। अलसी का सेवन आपके लीवर को स्वस्थ रखने में कारगर है।

ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल –  अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड, डाइटरी फाइबर, लिग्नेंस ब्लड प्रेशर को कम करने में असरदार है। इसीलिए ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं।

सर्दी-खांसी ,अस्थमा व ब्रोंकाइटिस  में असरदार – अलसी सर्दी-खांसी में भी आराम पहुंचाने में कारगर है। शोध में पाया गया है कि अत्यधिक खांसी ,अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या में अलसी की चाय फायदेमंद साबित होती है। इसके लिए आप अलसी के बीजों को पानी में आधा घंटा भिगो दें। आधे घंटे बाद बीजों को पानी से अलग करके इस पानी को गर्म करें और अब पानी को धीरे-धीरे चाय की तरह पीएं। इस तरह आप सर्दी-खांसी की समस्या में राहत पा सकते हैं।

कैंसर से करे बचाव – कैंसर से बचाव भी अलसी के बीज के फायदों में से एक है। अलसी में सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल नाम का एक खास तत्व है यह खास तत्व की मौजूदगी के कारण अलसी एंटी-कैंसर गुण प्रदर्शित कर सकती है। यह हार्मोन में गड़बड़ी से होने वाले कैंसर जैसे गर्भाशय कैंसर, स्तन कैंसर के जोखिम को कम करती है। इसके साथ ही अन्य विभिन्न भागों में होने वाले कैंसर के ट्यूमर की वृद्धि को भी कम करने में यह बहुत सहायक है। यदि आप अलसी के बीज का सेवन करें तो आप कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे से बच सकते हैं।

कब्ज में सहायक – कब्ज की समस्या से राहत पाना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में अलसी को शामिल कर सकते हैं। अलसी में मौजूद भरपूर मात्रा में फाइबर आपके मल को ढीला कर कब्ज की समस्या में आपको राहत पहुंचाता है। कब्ज से पीड़ित रोगी अलसी का सेवन करके अपनी इस समस्या से निजात पा सकता है।

बालों की मजबूती के लिए – अलसी के फायदे बालों के लिए भी देखे जा सकते हैं। अलसी का तेल बालों को मजबूती देता है और उन्हें बढ़ने में भी मदद करता है। यदि आप गंजेपन और बाल झड़ने की समस्या से परेशान है तो आप अलसी का तेल इस्तेमाल करें। अलसी का तेल आपको बालों की हर समस्या से निजात दिला सकता है।

जोड़ों के दर्द से  राहत – जोड़ों के दर्द की समस्या में राहत दिलाने में अलसी का सेवन फायदेमंद है। अलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी यानी की सूजन को कम करने वाला गुण मौजूद होता है जिस कारण आप जोड़ों के दर्द में आराम पा सकते हैं।

गर्भावस्था में फायदेमंद – अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड गर्भावस्था के लिए जरूरी पोषक तत्व है। अलसी में और भी कई अन्य तत्व मौजूद हैं जो गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं। बस ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाओं को अलसी का तेल और अलसी के बीजों का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।

पेट की सूजन का इलाज – अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन से बचाव कर सकता और इसमें ओमेगा 3 अच्छी मात्रा में पाई जाती है। इसके उपयोग से आप काफी हद तक पेट की सूजन कम कर सकते हैं।

त्वचा को रखे स्वस्थ – यदि आप रूखी, सूखी और बेजान त्वचा से परेशान हैं तो आप अपनी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अलसी में मौजूद कई औषधीय गुण आपकी त्वचा को नर्म, मुलायम और चमकदार बनाने में सहायक हैं।

कोलेस्ट्रॉल को करे कम – बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना कोई आसान काम नहीं है लेकिन यदि आप अलसी के बीज का सेवन करते हैं तो आप अपने बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं। शोध में पाया गया है कि कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे लोगों में अलसी के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। साथ ही यह हृदय से संबंधित जोखिमों को दूर करने में भी कारगर है।

दांत दर्द में मददगार – अलसी के तेल पर किए गए शोध में पाया गया है कि इसमें दर्द निवारक और सूजन कम करने वाले गुण मौजूद हैं। इन्हीं गुणों के कारण अलसी का तेल मसूड़ों की सूजन और दांत के दर्द की समस्या से राहत दिलाने में बहुत कारगर है। यदि आप भी दांत दर्द की समस्या से परेशान हैं तो आप अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पाचनशक्ति करे दुरुस्त – गलत खानपान के चलते आजकल हर कोई पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान है। अगर आप भी पाचन संबंधित समस्या जैसे गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्या से परेशान हैं तो आप अलसी का सेवन करें। पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में अलसी के फायदे बेहद कारगर हैं।

इम्यून सिस्टम को बनाए मजबूत – शरीर को रोगों से बचाने के लिए हमारे इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इम्यून सिस्टम खराब होने से शरीर में ढेरों बीमारियां पैदा हो जाती हैं। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए आयुर्वेद में कई चीजें मौजूद हैं, इन्हीं में से एक है अलसी। अलसी भी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद फाइबर, प्रोटीन और कई तरह के तत्व आपके इम्यून सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यदि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, आप हमेशा बीमार पड़ते रहते हैं तो अपनी डाइट में अलसी को शामिल करें और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं।

आँखों के लिए लाभकारी – यदि आप आँखों की समस्याएं जैसे आँख आना, आँखों में जलन, आँखें लाल होना, आँखों से पानी आना, आदि से पीड़ित हैं तो आप अलसी के बीजों को पानी में आधा घंटा भिगो लें, इसमें से बीजों को निकाल लें, अब इस पानी को आँखों में डालें। इससे आपके आँखों की समस्याओं में आपको फायदा होगा।

थायराइड में फायदेमंद – थायराइड जैसी बीमारी के इलाज के लिए भी आप अलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। थायराइड की परेशानी में अलसी का लाभ पाने के लिए बराबर मात्रा में अलसी के बीज, शमी, सरसों, सहिजन के बीज, जपा के फूल, मूली के बीज को छाछ में पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट का गले पर लेप करने से थायराइड में आपको लाभ होगा।

टीबी रोग से बचाए – टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज खांस-खांस कर परेशान हो जाता है और साथ ही साथ उसका वजन भी गिरने लगता है। यदि आप भी इस बीमारी से परेशान हैं तो इसके लिए आप 25 ग्राम अलसी के बीजों को पीसकर रात भर ठंडे पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को गर्म करें और इसमें नींबू का रस मिलाकर पीएं।

महिलाओं के लिए  – अलसी के सेवन से महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन की गड़बड़ी को ठीक किया जा सकता है। अलसी हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती हैं। साथ ही यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध को बढ़ाने में भी मददगार है।

पुरुषों के लिए गुणकारी – जिस तरह अलसी महिलाओं के लिए फायदेमंद है उसी तरह यह पुरुषों की समस्याओं को भी दूर करने में फायदेमंद है। अलसी पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या, प्रोस्टेट कैंसर, यौन संबंधी विकार, गंजेपन की समस्या स्पर्म काउंट बढ़ाने, आदि में बहुत ही लाभकारी साबित होती है।

अलसी के नुकसान – 

हर चीज के फायदों के साथ उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। इसी तरह अलसी के भी फायदे के साथ-साथ कई नुकसान भी हैं।

एलर्जी होना – कई लोगों को अलसी के तेल से एलर्जी हो सकती है यदि आपको भी इसके सेवन से कोई खुजली, सूजन, रेडनेस दिखाई दे तो आपको अलसी का इस्तेमाल तुरंत बंद कर देना चाहिए।

दस्त – अलसी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है लेकिन फाइबर के ज्यादा सेवन से दस्त की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको पेट दर्द, कब्ज और सूजन का भी अनुभव हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान खतरनाक – एस्ट्रोजन के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए अलसी नुकसानदायक हो सकती है। इसका इस्तेमाल अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करे वर्ना गर्भपात भी हो सकता है।

आंतों में रुकावट – अलसी को पानी के साथ ही खाएं। यदि आप इसे बिना लिक्विड के खाते हैं तो यह आंतों में रुकावट का कारण बन सकती है। अलसी के बीज आंतों में गंभीर कब्ज और रुकावट पैदा कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही इसे खाएं।

अलसी खाने का सही समय 

वैसे तो अलसी का सेवन आप किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन अगर आप सुबह खाली पेट इसका सेवन करते हैं तो यह आपके लिए कई बीमारियों में लाभदायक साबित होती है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत है तो उसे रात में ही अलसी का सेवन करना चाहिए क्योंकि रात में अलसी का सेवन करने से नींद अच्छी आती है।

 

अलसी के सेवन का तरीका –सब्जी बनाते वक्त उसमें अलसी मिलाकर खा सकते हैं। इससे आपके खाने में पौष्टिकता और बढ़ जाएगी।

आप दही में भुने जीरे की जगह भुनी हुई अलसी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
आप सर्दियों में अलसी के बीजों के लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं जो आटे और सूखे मेवे के साथ मिलाकर बनाए जाते हैं। यह बहुत पौष्टिक होते हैं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं।

तीसी और लहसुन की चटनी भी बड़ी स्वादिष्ट होती है और सर्दी के मौसम में तो फायदेमंद भी है।
अलसी के बीजों का इस्तेमाल आप गाजर और सूजी के हलवे में भी कर सकते हैं।
अलसी के बीज को आप स्मूदी में डालकर भी पी सकते हैं।
अलसी, अजवाइन और तेल को मिलाकर आप माउथफ्रेशनर भी बना सकते हैं।

 

By AMRITA

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