गर्मियों का मौसम आते ही अर्ली मॉर्निंग स्कूल टाइमिंग कई पेरेंट्स के लिए मुसीबत बन जाता है. बच्चों को सुबह-सुबह उठाना और उन्हें तैयार कर स्कूल भेजना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता. कई पेरैंट्स बच्चों को उठाने के लिए सुबह सख्ती से पेश आने लगते हैं और कई बार तो बच्चों पर हाथ तक उठा देते हैं. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करने से समस्या का निदान कतई नहीं हो सकता.
रुटीन तय करें
बच्चों के लिए एक रुटीन तय करना जरूरी है. बच्चों के उठने का एक सही टाइम फिक्स करें और अलार्म लगा दें. जिस दिन स्कूल न हो उस दिन भी उनके उठने और सोने का रुटीन एक ही रखें.
8 घंटे की नींद जरूरी
बच्चों के लिए 8 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत ही जरूरी है. इससे उनकी सेहत ठीक रहती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप उन्हें रात में जल्दी सोने के लिए प्रोत्साहित करें. ऐसा करने से वे फ्रेश होकर सुबह सुबह खुद ही उठ जाएंगे और दिन भर तरोताजा रहेंगे.
दोपहर में ना सुलाएं
कई माता पिता बच्चों को दोपहर में सोने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि अगर वे दोपहर में अपनी नींद पूरी कर लेंगे तो रात को उन्हें जल्दी नींद नहीं आएगी. इसलिए बच्चों को दोपहर में सुलाने से बचें.
किसी गेम में डालें
बच्चे जब शाम के समय खूब खेलते हैं और थकते हैं तो उन्हें रात के समय नींद जल्दी आ जाती है. ऐसे में आप घर के आसपास क्रिकेट कोचिंग या कराटे आदि क्लास बच्चे को भेज सकते हैं.
बच्चे को जल्दी सुलाने के लिए करें ये काम
-बच्चों को रात को सोने से कम से कम 30 मिनट पहले कहें कि जल्दी काम पूरा कर सोने जाना है.
-सोने से 20 मिनट पहले उनकी बुक पढ़ने की आदत डालें.
-घर का माहौल शांतिपूर्ण बनाएं.
-घर में अगर टीवी या मोबाइल आदि चल रहा है तो उसे बंद कर दें.
-घर की सारी लाइट्स ऑफ कर दें.
-नाइट लाइट ऑन करें जिससे बच्चा डरे नहीं.
-बच्चों को सोने से पहले टॉयलेट जाने की आदत डालें.
-बच्चे को जल्दी सुलाना है तो पैर-हाथ धोकर बिस्तर में सोने की आदत डालें.
-बच्चे के पैर में कभी-कभी मालिश करें जिससे उसकी थकान जल्दी दूर हो जाए.
– कभी भी गंदे कपड़ों में बच्चों को बिस्तर पर ना भेजें.
-क्लीन और आरामदायक कपड़ों में नींद जल्दी आती है. बच्चे को साफ कपड़े पहनाएं.
-ध्यान रखें कि घर में सफोकेशन ना हो और फ्रेश हवा आ रही हो.
-एक रुटीन तय करें और उसी समय पर रोज बच्चे को सोने के लिए कहें.
-दो से तीन दिन में ही बच्चे को आदत लग जाती है. इसलिए सोने और जागने का समय निर्धारित करें.
बच्चे को इस तरह सुबह सुबह उठाएं
-अपने बच्चों को सुबह जल्दी जगाने के लिए एक अलार्म सेट करें और जैसे ही अलार्म बजता है, अपने बच्चों को उठाएं और दैनिक कार्य करना शुरू करें.
-यदि आप अलार्म बजने के तुरंत बाद अपने बच्चे को दैनिक गतिविधियों में शामिल नहीं करते हैं, तो वह फिर से सो जाएगा और उठने में असमर्थ महसूस करेगा.
-जब आपका बच्चा सुबह उठे तो सबसे पहले आप अपने बच्चों का मुंह, हाथ धोएं और उसकी आंखों में पानी की कुछ बूंदें डालें. ऐसा करने से आपका बच्चा पूरी तरह से तरोताजा महसूस करेगा और उसका आलस्य भी उससे दूर भाग जाएगा.
-अगर शुरुआती उम्र में ही बच्चे को जल्दी जागने की आदत हो जाएगी तो सारी उम्र बच्चा जल्दी जगेगा और बिना आलस के तैयार होकर स्कूल जाएगा.
प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)