जब कभी भी किसी डायटिशियन की बात आती है लोगों के दिमाग में अक्सर यही बात आती है कि वह हमें हमारी पसंद की हर खाने को मना कर देंगे हमें भूख रखेंगे या हमें कुछ ऐसी महंगी चीज खाने के लिए बोलेंगे जो हमारे डेली लाइफ का हिस्सा ही नहीं है.जी नहीं मैं बता दूं यह सारी अफवाहें हैं इसमें हकीकत जैसा कोई किस्सा ही नहीं है. असल में डायटिशियन के रोल के बारे में आपके जीवन में उनके महत्व के बारे में 70% लोग जानते ही नहीं है . डायटिशियन असल में आपके किचन की सबसे मुख्य हिस्सेदार है. वह आपके जीवन की सबसे खास मददगार होती है. जैसे आपके घर में आपकी माँ का रोल होता है वैसे ही आपके स्वस्थ जीवन में एक डायटिशियन का रोल होता है. माँ कभी अपने बच्चों को परेशान या बीमार नहीं देख सकती वैसे ही डाइटिशियन कभी भी किसी को भी बीमार होने नहीं देती और अगर वह बीमार है भी तो उसे वह उसके घरेलू खाने से ही सही स्वास्थ्य देने की भरपूर कोशिश करती है.
आज के इस लेख में आप भोजन के सही नियम के बारे में जानेंगे जिसके पालन करने से आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे और अगर आप अस्वस्थ चल रहे हैं तो आपकी अस्वस्थता धीरे-धीरे अच्छे स्वास्थ्य में बदल जाएगी.
भोजन करने के वह महत्वपूर्ण नियम
- कोई भी भोजन पकाने के 48 मिनट के अंदर उसका उपभोग कर लेना चाहिए। उसके बाद उस भोजन की पोषकता धीरे-धीरे कम होने लगती है.4 घंटे के बाद कोई भी भोजन बासी हो जाता है. आश्चर्य की बात है कि भारत के अलावा दुनिया के किसी भी देश को रोटी बनाने नहीं आती पूरी दुनिया में भारत में ही गरम रोटी मिलना संभव है.
- खाना खाते समय खाने को इतना चलाएं की जितने डांट हूं ऐसा करने से मुंह की लार ज्यादा से ज्यादा पेट में जाती है और खाने को पचाने में मदद करती है पानी को खाओ और भोजन को पियो चबा चबाकर खाने से मोटापा नहीं बढ़ता है.
- भारत की जलवायु में 365 दिनों में सिर्फ एक दिन ही आप बासी भोजन खा सकते हैं और वह है बसौड़ा पर्व जी हां हमारे भारत में बसी खाना खाने के लिए अप्रैल के महीना में एक दिन बसौड़ा मनाया जाता है जिसे जूड़ शीतल के नाम से भी जानते हैं.इस दिन बासी खाना खाना हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है यह पर्व एक वैज्ञानिक तर्क पर आधारित है.
- बीमारियों के इलाज करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है बीमारियों से बचाना इसलिए खाना खाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जो खाया वह आसानी से बचा सके जब तक भोजन बचेगा नहीं हमारा बॉडी ऑर्गन सही से काम करेगा नहीं और हमारे बॉडी में से डिटॉक्स नहीं हो पाएगा इसके लिए भोजन पचेगा तो ही रस बनेगा इस रस में से मांस मजा रक्त मल मूत्र वीर्य मेड अस्थियां बनेगी जिनके शरीर को पूरी जीवन काम होता है.
- भोजन के अंत या बीच में पानी पीना विश्व के बराबर है या टॉक्सिक हो सकता है.
- कोई भी फल सूर्य काल के भीतर ही खाना है यानी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले.सूर्यास्त के बाद कोई भी फल खाना आपके लिए जहर के समान है इसलिए फल खाने के लिए सबसे अच्छा समय दोपहर के पहले का होता है.
- सुबह से रात तक के खाने का एक निश्चित समय बनाएं यदा कदा कभी भी मत खाएं.थोड़ी-थोड़ी मात्रा में थोड़ी-थोड़ी अंतराल पर खाना आपकी मेटाबॉलिज्म और पाचन क्रिया को बहुत ही दुरुस्त रखता है.इससे आपका वजन नहीं बढ़ता और आपका शरीर फैलता नहीं सुडौल रहता है.
- सुबह का नाश्ता या लंच की जगह पर हैवी ब्रंच आपके शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद है.आपका दोपहर का खाना आपकी सुबह के नाश्ते या हैवी ब्रंच से आधा होना चाहिए और दोपहर की खाने का आधा हिस्सा आप रात को खाएं शाम के समय आप हल्का-फुल्का कुछ नाश्ता ले सकते हैं पर तले भुने से परहेज करें.अगर लंबी आयु और स्वस्थ जीवन चाहते हैं तो इस बात को गांठ बांध लें कि कभी भी फल शाम के बाद यानी सूर्यास्त के बाद ना खाएं रात को देर रात तक न जागें.
- अगर आपने अभी तक गौर नहीं किया तो आज से यह गौर करना शुरू करिए की सुबह-सुबह और शाम को सूर्यास्त के समय आपको बहुत तेज भूख लगती होगी.इस भूख को मारे नहीं इस भूक को हेल्दी खाने से भरे मन की संतुष्टि पेट की संतुष्टि से कहीं ज्यादा मायने रखती है.यह भी वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुका है कि जो इंसान लगातार 5 साल 10 साल तक मानसिक संतुष्टि के बिना ही भोजन करता है यानी कि वह सिर्फ पेट भरने के लिए खाना खाता है तो वह एक दिन मानसिक रोगी हो जाता है या फिर उसका स्वास्थ्य कभी सही नहीं रहता.
- खाना खाने के बाद आधे घंटे तक पानी न पिएं.आधे घंटे के बाद एक गिलास पानी पीने के बाद अगर समय है आप ऑफिस में नहीं है काम पर नहीं है तो विश्राम की अवस्था में लेटें. यह बाईं करवट पर आधे भाग से सोते हुए की अवस्था है. आप पूरी तरीके से सो नहीं रहे हैं बस अपने बाईं करवट लेकर अपने शरीर को थोड़ा सा आराम देने की कोशिश की है वैसे ही जैसे विष्णु भगवान शेषनाग के ऊपर लेटे होते हैं इससे आपकी पाचन क्रिया तेज होती हैं और आपका मेटाबॉलिज्म सही होता है.
- ठीक इसकी विपरीत रात के खाने के बाद यानी रात के भोजन के बाद कम से कम 2 घंटे तक बिछावन पर न जाएं.आप धीरे-धीरे करने वाले कुछ काम करें या फिर टहले परंतु तुरंत बिछावन पर जाकर नहीं सोएं.
अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर अहमदाबाद)