गर्मियों का मौसम शुरू हो रहा है और उसके साथ ही खट्टे मीठे आम की कैरी भी बाजार में देखने को मिल रही है। आम फलों का राजा है फिर वह कच्ची कैरी हो या कि मीठी रसीले आम, तो आइए आज इसी फलों के राजा आम के गुणों की कुछ चर्चा करते हैं.
आहार विज्ञान के साथ साथ आयुर्वेद में भी आम को फलों का राजा माना जाता है। मनुष्य के शरीर में पैदा होने वाले कई विकारों के इलाज में न केवल आम का फल बल्कि उसके पेड़ की छाल भी फायदेमंद होती है।
जी हां, आम के पेड़ की छाल से कई बीमारियों का सफल इलाज किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मैंगीफेरा इंडिका चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली बेहद प्रमुख जड़ी बूटी है।
आयुर्वेद के अनुसार आम के बीज का पाउडर पानी या शहद के साथ लेने से इसके कषाय (कसैले) गुण के कारण दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। आप घावों पर आम के बीज का तेल भी लगा सकते हैं इससे यह तेजी से ठीक होने में मदद करता है और अपने औषधीय गुण के कारण सूजन को भी कम करता है।
आम में पाए जाने वाले चमत्कारी तत्व
आम में एंटीडायबिटिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, कार्डियोटोनिक, हाइपोटेंसिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसलिए यह जीवाणुरोधी, एंटी फंगल, कृमिनाशक, एंटी परजीवी, एंटी ट्यूमर, एंटी एचआईवी, एंटीबोन रिसोर्प्शन, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीपायरेटिक, एंटीडायरियल, एंटीएलर्जिक, इम्यूनोमॉड्यूलेशन, हाइपोलिपिडेमिक होता है।जिसकी वजह से आयुर्वेद में लगभग 400 वर्षों से आम का प्रयोग स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली में बतौर महत्वपूर्ण जड़ी बूटी हो रहा है। आम मैंगीफेरा प्रजाति से संबंधित है, जिसकी लगभग 30 प्रजातियां मिलती हैं।
कई गंभीर बीमारियों को ठीक करता है आम
आम के उपयोग से डेंट्रीफ्राइस, एंटीसेप्टिक, कसैले, डायफोरेटिक, पेट, कृमिनाशक, टॉनिक, रेचक, दस्त, पेचिश, एनीमिया, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, गठिया, दांत दर्द, ल्यूकोरिया का इलाज किया जाता है।
इसके अलावा आम से रक्तस्राव, बवासीर, फोड़े-फुंसी, ट्यूमर, सर्पदंश, डंक, धतूरा विषाक्तता, हीट स्ट्रोक, गर्भपात, एंथ्रेक्स, छाले, मुंह में घाव, पेट का दर्द, दस्त और अपच का भी इलाज किया जाता है।
वजन कम करने में करता है मदद
आयुर्वेद द्वारा किये जा रहे अध्ययनों से पता चला है कि आम के पत्ते शरीर में जमा वसा के स्तर को कम करके मोटापा घटाने में मदद करता है। आम की पत्तियों को चबाकर खाने से मेटाबोलिज्म को तेज करता है और वेट लॉस में मदद करता है। इसके अलावा आम के पत्ते के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से शरीर का वजन कम होता है।
ब्लड शुगर को कम करता है
आम के पत्तियों में एंथोसायनिडिन होता है जो प्रारंभिक डायबिटीज के इलाज में मदद कर सकता है। इसमें 3 बीटा टारेक्सॉल और एथिल एसीटेट भी होते हैं, जो हाइपरग्लेसेमिया के इलाज में मदद करते हैं। इसलिए ये डायबिटीज की समस्या में भी फायदेमंद है। इसके लिए एक कप पानी में आम के कुछ पत्तों को उबालकर पानी को रात भर के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें और सुबह खाली पेट लें।
अस्थमा से राहत दिलाता है
जो लोग अस्थमा की बीमारी से परेशान हैं, उनके लिए आम किस रामबाण औषधि से कम नहीं है। आम के पत्तों से काढ़ा बनाकर रोजाना सेवन करने से अस्थमा रोगियों को बहुत राहत मिलती है।
डायरिया में राहत देता है
आयुर्वेद में आम की छाल का उपयोग डायरिया की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। पेट के लिए आम की छाल काफी फायदेमंद होती है। इसके लिए आम की छाल को उबाल लें, इसका रस निकाल लें। आम की छाल मेनोरिया, ल्यूकोरिया और रक्तस्त्रावी बवासीर के इलाज में भी फायदेमंद होती है। आम की छाल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जिससे डायरिया के इलाज में राहत मिलती है।
पथरी के दर्द में देता है राहत
किडनी में पथरी की समस्या बहुद पीड़ादायक होती है। आयुर्वेद के अनुसार आम की पत्तियों से किडनी की पथरी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आम की पत्तियों को सुखाकर उनका बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए और फिर रोजाना सुबह-शाम गरम पानी के साथ एक चम्मच सेवन करना चाहिए।
अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर अहमदाबाद)