आप बेशक किसी भी धर्म से संबंध क्यों ही न रखतें हो, लेकिन आपने अपने धर्म के अनुसार कभी न कभी व्रत जरूर रखा होगा। व्रत या उपवास रखना भले ही धार्मिक दृष्टिकोण को दर्शाता है लेकिन व्रत रखने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। काफी लोगों का अब भी यही मानना है कि व्रत केवल पूजा-पाठ का ही एक हिस्सा है लेकिन वास्तव में यह एक तरीका है जिससे कई स्वास्थ्य लाभ उठाए जा सकते हैं।
उपवास क्या है?
सरल शब्दों में कहा जाए तो, उपवास या व्रत का मतलब है कि “एक निश्चित समय के खाना-पीना पूरी तरह से बंद करना या सिर्फ न के बराबर खाना लेना”। एक उपवास की समय अवधि आमतौर पर 12 से 24 घंटे तक हो सकती है, लेकिन उपवास कुछ दिनों से लेकर हफ़्तों और महीने भर तक के लिए भी चल सकते है। उपवास के दौरान कुछ उपवासों में सब खाना पीना वर्जित होता है, वहीं कई उपवास में कुछ चीज़े खाने पीने की छुट दी जाती है, जैसे – चाय, कॉफ़ी, पानी और फल। उदहारण के लिए नवरात्र के व्रत में फलाहार और चाय आदि लिए जा सकते हैं, वहीं एकादशी का व्रत निर्जला होता है, यानि इस दौरान आपको उपवास खत्म होने पर कुछ भी खाना या पीना नहीं होता।
उपवास रखने के क्या फायदे हैं?
इस बात में कोई दोहराए नहीं है कि अभी तक कई लोगों का यह मानना है कि व्रत या उपवास केवल और केवल एक किस्म का धार्मिक अनुष्ठान है। लेकिन विज्ञान के अनुसार उपवास एक ऐसा तरीका या क्रिया है जिससे हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं उपवास रखने से एक व्यक्ति को कितने स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं :-
मोटापा कम करे
उपवास रखने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपका बढ़ा हुआ वजन कम होना शुरू हो जाता है। जब आप लगातार उपवास रखते हैं तो इस दौरान आपके कम खाने के नियम के अनुसार शरीर में चर्बी नहीं बनती और मौजूदा चर्बी भी घटने लगती है। ऐसे उपवास में आप किसी भी ठोस उत्पाद की जगह तरल उत्पाद को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
पाचन तंत्र को मजबूत करे
अगर आप अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आप ऐसे में उपवास की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। उपवास रखना पाचन तंत्र के लिए किसी हीलिंग थरेपी की तरह काम करता है, जिससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और उसे कुछ समय के लिए कम काम करना पड़ता है। साथ ही उपवास को “चमत्कारिक इलाज” भी कहा जाता है, जिससे पाचन संबंधी विकार दूर हो सकते हैं। आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं, जैसे अगर कोई व्यक्ति बिना रुके दिन भर काम करता हैं तो उसे कई स्वास्थ्य हानिया होनी शुरू हो जायगी, लेकिन वहीं अगर उस व्यक्ति को आराम करने दिया जाए तो पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छे से काम करेगा।
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हृदय रोग मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। एक शोध के अनुसार दुनिया भर में करीब 30 प्रतिशत मौतों का कारण दिल से जुड़ा हुआ होता है। ऐसे में अगर आप उपवास रखते हैं तो आप इस समस्या से बड़ी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। हृदय रोग होने के सबसे बड़े कारण रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को माना जाता है, जिन्हें उपवास की मदद से नियंत्रण में किया जा सकता है। जब आप उपवास रखते हैं तो इससे आपका रक्तचाप और खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रण में आने लगता है जो कि हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। एक छोटे से अध्ययन से पता चला है कि आठ सप्ताह के वैकल्पिक दिन के उपवास ने “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और रक्त ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को क्रमशः 25% और 32% कम कर दिया। 110 मोटे वयस्कों में एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि चिकित्सकीय देखरेख में तीन सप्ताह तक उपवास करने से रक्तचाप, साथ ही रक्त ट्राइग्लिसराइड्स, कुल कोलेस्ट्रॉल और “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में काफी कमी आई है।
ब्लड प्रेशर के लिए उपवास
अगर आप उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप उपवास की सहायता से इस समस्या में काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं या ठीक से कर के इस समस्या से छुटकारा भी पा सकते हैं। जब आप उपवास करते हैं तो उस दौरान आप कम खाते हैं और काम भी कम करते हैं, वहीं नमक और ज्यादा भारी खाने से भी दूरी बना कर रखते हैं। इन सभी उपायों की वजह से आपके शरीर में रक्त का दबाव ज्यादा नहीं बनता, जिससे रक्तचाप काबू में आने लगता है। अगर आप निम्न रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको ज्यादा लंबे समय तक उपवास नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से आपका रक्तचाप पहले से ज्यादा कम हो सकता है।
ब्लड शुगर लेवल को कम करे
अक्सर माना जाता है कि डायबिटीज वाले रोगियों को ज्यादा लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहियें और यह सत्य भी है, क्योंकि ज्यादा लंबे समय तक भूखा रहने की वजह से उन्हें कई स्वास्थ्य हानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कई शोध में यह भी दावा किया जा चूका हैं कि जो लोग हाई ब्लड शुगर लेवल की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें उपवास की मदद से काफी लाभ मिल सकते हैं। डायबिटीज वाले रोगी लंबे समय की जगह छोटे समय के लिए ही उपवास रखें ताकि उन्हें किसी गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े, वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि उपवास शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से भी इस बारे में बात करें।
लंबी आयु देने में मददगार
उपवास दीर्घायु और जीवित रहने की दर बढ़ाने में प्रभावी हो सकता है। वहीं इस बात को बल देने के लिए कई ऐसी धर्मिक कहानियां भी है जिससे यह स्पष्ट होता है कि उपवास करने से उम्र बढ़ती है। इसका एक मूल कारण है, “पाचन तंत्र को आराम”। अगर कम खाना और पौष्टिक खाना खाया जाए तो पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और शारीरिक समस्याएँ भी बहुत कम होती है, जिससे लंबे जीवन की संभावनाएं बढ़ने लगती है।
कोलेस्ट्रॉल कम करता है
अगर आपका खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल लगातार बढ़ रहा है तो आपको सप्ताह में एक बार उपवास जरूर रखना चाहिए, इससे आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर काफी नियंत्रण में आने लगता हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उपवास के दौरान आप बहुत कम खाना लेते हैं और जो खाना लिया जाता है वह सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होता है और तेजी से पचता है। ऐसे में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बनने की संभवना काफी कम हो जाती है।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपवास
कोरोना काल के दौरान हम सभी इस बात को अच्छे से समझ चुके हैं कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम होना हमारे लिए कितना जरूर होता है। अक्सर अपने सुना होता कि एक बेहतर इम्यून सिस्टम के लिए हमें कई तरह की चीज़े खानी चाहिए, लेकिन क्या आपको पता है कि उपवास की मदद से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। उपवास और इम्यून सिस्टम को लेकर हुए एक शोध के अनुसार, उपवास रखने से ऑटोफेगी यानी शरीर के सेल्स को साफ करने की क्षमता बेहतर हो सकती है। इससे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र व इम्युनिटी मजबूत हो सकती है, जिससे तमाम बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मददगार
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उपवास करने से हमारा शरीर और मन साफ़ होता है। अगर आप एक दिन उपवास करते हैं तो इससे आपके शरीर को कम काम करना पड़ता है और सबसे बड़ी बात पाचन तंत्र भी कम करता है, जिससे शरीर अच्छे से डिटॉक्सीफाई हो जाता है।
त्वचा को स्वस्थ बनाएं
अब तक शायद आपने अपनी त्वचा को ज्यादा चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिए क्रीम और अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों का ही प्रयोग किया होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि एक स्वस्थ त्वचा पाने के लिए आप उपवास भी रख सकते हैं। दरअसल, जब आप उपवास रखते हैं तो आप उस दौरान ज्यादा तला हुआ और तेल मसालेदार खाने से दूर रहते हैं, ऐसे में शरीर में ज्यादा विषाक्त तत्व नहीं बन पाते हैं और त्वचा स्वस्थ बनी रहती है। आप इस बारे में अच्छे से जानते ही होंगे कि ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना लेने से हमारी त्वचा ऑयली होने लगती है और इसके अलावा और भी कई त्वचा संबंधित समस्याएँ होनी शुरू हो जाती है। आपने अभी ऊपर पढ़ा कि शरीर डिटॉक्सीफाई हो सकता है। जब शरीर डिटॉक्सीफाई होगा, तो शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलेंगे, जिससे त्वचा में नई चमक आएगी और त्वचा खूबसूरत दिखने लगेगी।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए जोखिम को कम कर सकता है
हाल के कुछ दशकों से टाइप 2 डायबिटीज से जूझने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखि जा रही है। टाइप 2 डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को इन्सुलिन की जरूरत होती है। दिलचस्प बात यह है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग को इंसुलिन प्रतिरोध के लिए प्रमुख लाभ और ब्लड शुगर के स्तर में प्रभावशाली कमी लाने के लिए दिखाया गया है। इंटरमिटेंट फास्टिंग पर मानव अध्ययनों में, प्रीडायबिटीज वाले लोगों में 8-12 सप्ताह के दौरान फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में 3-6% की कमी आई है। फास्टिंग इंसुलिन को 20–31% तक कम किया गया है।
बेहतर नींद में मददगार
यदि आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि आप अक्सर खाना लेने के बाद बहुत गहरी नींद में चले जाते हैं, जिससे आप लंबे समय तक सोते रहते हैं और साथ ही अन्य स्वास्थ्य हानियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं तो आपको एक बेहतर नींद लेने में काफी मदद मिल सकती है।
प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)