वजन घटाने की बात हो या बढ़ाने की जब भी आप अपने ट्रेनर या फिटनेस एक्सपर्ट के पास जाते हैं वह आपको हर दो-दो घंटे के बाद और कम मात्रा में भोजन करने की सलाह देते हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि थोड़े-थोड़े समय बाद खाने से क्रेविंग्स और जंक फूड्स के सेवन की भावना को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जब थोड़े-थोड़े समय बाद एक छोटा या कम मात्रा में भोजन करते हैं, तो यह आपका पेट भरा हुआ और संतुष्ट महसूस कराता है। जो लोग ज्यादा बार खाते हैं वे पतले होते हैं। साथ ही उनमें लंबे समय बाद भोजन करने या कम बार खाने वालों की तुलना में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम होता होता है।
हर 2 घंटे बाद खाने में मेटाबॉलिज्म तेज होता है?
जब हम भोजन करते हैं, तो हमारा शरीर भोजन को पचाने और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करने के लिए ऊर्जा का विस्तार करता है। इसे भोजन का ऊष्मीय प्रभाव या थर्मिक इफेक्ट ऑफ फूड (TEF) के रूप में जाना जाता है।” उनके अनुसार आप एक बार में जितना खाते हैं आपका TEF उसकी कुल कैलोरी का लगभग 10% होता है।
अपनी सुविधा के अनुसार खाएं। स्मार्ट ट्रेनिंग करें और अपने डायटीशियन से एक ऐसा डाइट प्लान बनाने के लिए कहें जो आपकी जीवनशैली के अनुकूल हो। क्योंकि एक नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए हर दो घंटे में खाना बहुत मुश्किल हो जाता है। एक अच्छे कोच से बातचीत करें और अपनी जीवनशैली के अनुसार योजना बनाएं।
प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)