आहार विशेषज्ञ बताते हैं, हमारे मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए रोजाना कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है, हालांकि ज्यादातर लोगों के आहार में इन पोषक तत्वों की कमी देखी जा रही है। आहार में पोषकता की कमी के कारण कई प्रकार के रोगों के विकसित होने का खतरा हो सकता है।
आइए जानते हैं कि हमारे मस्तिष्क को रोजाना किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और इसके लिए किन चीजों का सेवन किया जा सकता है?

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की हमारे शरीर को नियमित रूप से आवश्यकता होती है, यह मस्तिष्क को स्वस्थ पोषण देने के लिए बहुत जरूरी तत्व है। यह मस्तिष्क के कामकाज को बेहतर रखने के साथ याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। अध्ययनों में पाया गया है कि इस पोषक तत्व से भरपूर चीजों का सेवन करने से डिप्रेशन जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकारों का खतरा कम होता है। इसके लिए मछलियां, नट्स और प्लांट बेस्ड तेलों का सेवन किया जा सकता है।
आयरन स्वस्थ कामकाज के लिए जरूरी
आहार में आयरन की मात्रा को सुनिश्चित करना मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी माना जाता है। आयरन की कमी संज्ञानात्मक विकास, डीएनए संश्लेषण, न्यूरोट्रांसमीटर की क्रियाओं को बाधित कर सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने नियमित रूप से डेयरी उत्पाद और हरी सब्जियों का सेवन किया उनके मस्तिष्क में आयरन का स्तर बेहतर पाया गया। आहार में इन चीजों को जरूर शामिल किया जाना चाहिए।

आपको अपने आहार में विटामिन बी12 वाली चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। यह मूड, मानसिक स्वास्थ्य और कार्यप्रणाली को बेहतर बनाए रखने के लिए आवश्यक मानी जाती है। इस विटामिन की कमी को याददाश्त से संबधित विकारों के प्रमुख कारण के तौर पर जाना जाता है। ब्रेन एट्रोफी को रोकने में भी यह विटामिन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके लिए मांस, मछली, अंडे, हरी सब्जियों और नट्स की सेवन करें।
ज्यादातर लोग मानते हैं कि विटामिन-डी सिर्फ हड्डियों के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए ही जरूरी है, हालांकि इसे मस्तिष्क के लिए भी उतना ही आवश्यक पाया गया है। यह बुजुर्गों में डिमेंशिया के खतरे को रोकता है। विटामिन-डी की कमी वाले लोगों में संज्ञानात्मक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम अधिक देखा गया है। इस विटामिन के लिए सूर्य की रोशनी को सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। आहार में मशरूम, मूंगफली, अंडे, डेयरी उत्पादों को शामिल करके भी इसकी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है।