अस्थमा एक बहुत ही कष्टकारी बीमारी है जिसमें इंसान की सांस फूलने लगती है थोड़ी सी भी मेहनत या सर्दी लगने से यह समस्या और बढ़ जाती है। जितनी भी बार मौसम परिवर्तन होता है अस्थमा की परेशानी और बढ़ जाती है, खासकर बरसात यानी कि मानसून के मौसम में आईए जानते हैं मानसून में अस्थमा रोगियों को अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए।
अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानी बरतना जरूरी होता है। ऐसे में प्रदूषण, धूल-मिट्टी से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इतना ही नहीं, अस्थमा के मरीजों के लिए मानसून में खानपान पर ध्यान देना भी जरूरी है। क्योंकि खानपान से जुड़ी कोई गलती भी अस्थमा में परेशानी बढ़ने की वजह बन सकती है।
मानसून में अस्थमा के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
अस्थमा में क्या खाना चाहिए?
** मानसून में डाइट में शामिल करने चाहिए, जो इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं और इंफ्लेमेशन कम करते हैं। इसके साथ ही गर्म, पका हुआ खाना, मसाले जैसे हल्दी और अदरक, फलों और ताजी सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए।
** अस्थमा में कच्ची सब्जी के बजाय उबली और पकी हुई सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ऐसे में चावल, इडली, डोसा और गर्म खाना ही खाना चाहिए।
** बरसात के मौसम में बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ सकती है। इसलिए ऐसे में हल्दी और अदरक जैसे मसालों को डेली डाइट में शामिल करना चाहिए। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर की सूजन कम करने में मदद करते हैं। बॉडी इंफ्लेमेशन कम होने से रेस्पिरेटरी हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को मैनेज करना भी आसान होता है।
** ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करना भी फायदेमंद होता है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स से भरपूर फूड्स खाने चाहिए, जिससे इम्यून फंक्शन इंप्रूव होता है। ऐसे में आप बेरीज, खट्टे फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों और गाजर को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
** अस्थमा के मरीजों को बरसात के मौसम में ओमेगा फैटी एसिड वाली चीजों को भी डाइट में शामिल करना चाहिए। ऐसे में फिश, अखरोट और अलसी का सेवन करना चाहिए। ये फूड्स बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करते हैं और अस्थमा मरीज के लिए जरूरी है।
** ऐसे में मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप नट्स और सीड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
** अस्थमा में डिहाइड्रेशन के कारण भी काफी परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसे में बॉडी को हाइड्रेट रखना जरूरी है। पर्याप्त पानी पीने से म्यूकस पतला रहता है और इससे फेफड़े भी साफ रहते हैं, जिससे अस्थमा अटैक आने की संभावना कम होती है।
** बरसात के मौसम में पाचन तंत्र खराब हो सकता है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को ज्यादा परेशानी हो सकती है। इसलिए मानसून में डाइट में प्रोबायोटिक युक्त फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप दही या छाछ को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए?
** बरसात के मौसम में तले-भूनी चीजों का सेवन न करें। इसके अलावा, ऐसे में बीन्स, लहसुन, प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इनके सेवन से अपच या ब्लोटिंग हो सकती है, जिससे अस्थमा अटैक ट्रिगर हो सकता है। वातावरण में उमस होने और तला-भूना खाने से फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
** मानसून में डाइट में सॉल्ट इनटेक कम ही रखें। क्योंकि, ऐसे में डाइट में ज्यादा नमक लेने से भी रेस्पिरेटरी हेल्थ से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
** मानसून में अस्थमा मरीजों को मशरूम भी नहीं खाने चाहिए। क्योंकि इस मौसम में मशरूम में बैक्टीरिया और फंगस की ग्रोथ बढ़ सकती है, जिससे अस्थमा से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है।
** अस्थमा के मरीजों को मानसून में कच्ची सब्जियों, खांसी-जुकाम में दूध, केले का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे बलगम की समस्या बढ़ सकती है जो अस्थमा से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद