मानसून हर जगह शुरू हो चुका है और ऐसे में चाय के साथ समोसे और पकोड़े किसे अच्छे नहीं लगते।हालांकि मानसून में हम इतना डीप फ्राई खा लेते हैं कि कई बार बदहजमी का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जो लोग नॉन वेजिटेरियन के शौकीन हैं।
लेकिन बरसात में इन्हें खाना थोड़ा हानिकारक भी हो सकता है। यदि आप बरसात के दिनों में बहुत अधिक नॉनवेज खाते हैं, तो इससे अपच की समस्या बढ़ सकती है या फिर पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
बरसात में नॉनवेज खाने के नुकसान
अपच और कब्ज
वैसे तो किसी भी मौसम में ज्यादा नॉनवेज खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ने का चांस बढ़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का भी रिस्क बढ़ता है। लेकिन मानसून के दिनों में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत स्लो हो जाता है। ऐसे में मीट खाने से एसिडिटी और कब्ज की शिकायत हो सकती है। कई बार मीट को पचने में भी काफी लंबा समय लगता है।
संक्रमण का खतरा
बरसात के मौसम में खराब पानी के चलते नॉनवेज जल्दी खराब हो जाता है। कई बार दुकानों पर भी पुराना मांस मिलता है, जिसे अगर सही से न पकाया जाए तो फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
सड़ा हुआ मांस खाने के नुकसान
नॉनवेज बहुत जल्दी सड़ जाता है। कई बार इस खराब मांस की गंध से भी हमारी सेहत बिगड़ जाती है। यदि किसी की इम्यूनिटी पहले से कमजोर है या दिल का रोगी है, तो उन्हें बरसात के मौसम में नॉनवेज नहीं खाना चाहिए।
मीट को हैवी या रेड मीट की श्रेणी में रखा जाता है, जो जल्दी पच नहीं पाता है। मछली अधिकांश अंडे वाली होती है, जो हमारी सेहत के लिए सही नहीं होती है। कई बार मछली खराब पानी में रखी जाती है, जिस वजह से उनसे संक्रमण का रिस्क बढ़ जाता है। इन दिनों बर्ड फ्लू का रिस्क भी हाई होता है। इसलिए, अंडे और चिकन भी नहीं खाना चाहिए।
नॉनवेज खाने के फायदे
हाई प्रोटीन सोर्स।
मांसपेशियों का विकास करने में सहायक।
पोषक तत्व शामिल होते हैं।
कैल्शियम की सही मात्रा।
शरीर को ऊष्मा मिलती है
सावधानियां
नॉनवेज ताजा होना चाहिए और अच्छे से साफ करने के बाद खाया जाना चाहिए।
यदि आप बाहर से नॉनवेज मंगा रहे हैं या खा रहे हैं, तो उसकी साफ-सफाई के बारे में जांच जरूर करें।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद