ज्योति गुप्ता , न्यूट्रीडाइट्स
( क्वालिफाइड डायटीशन हैदराबाद)
खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, खराब नींद भी कर सकती भी बन सकती है हृदय रोग का कारण
- पूरे शरीर में ब्लड के बेहतर सर्कुलेशन के लिए जिम्मेदार हार्ट का हेल्दी रहना कितना जरूरी है ये हम सभी जानते है। लेकिन क्या आप जानते है कि आपकी खराब नींद हृदय रोग का कारण बन सकती है।
आज कल हम जिस तरह के स्ट्रेस (stress) और लाइफ में व्यस्त है उसके कारण कई लोगों की नींद पूरी तरह से पूरी नहीं हो पाती है। कई लोग रात तर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते है जिसके वे लेट सोते है और सुबह काम पर जाने के लिए जल्दी उठने की वजह से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। हमने अपना लाइफस्टाइल ऐसा बना लिया है जिसमें हमारे लिए सब चीज का समय है केवल स्वस्थ रहने का ही समय नहीं है।
हृदय संबंधी समस्याएं भारत में बीमारी और मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। हालांकि हम ये पहले से ही जानते है कि खराब आहार, कम व्यायाम और धूम्रपान जैसे कारक हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन खराब नींद भी आपके हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।
जिन महिलाओं ने 7 से 8 घंटो की पूरी नींद ली उन्हे हाइपरटेंशन की समस्या नहीं थी। लेकिन जो महिलाएं 5 से 6 घंटे की नींद लेती थी या जिन्हें कोई नींद की समस्या थी उनमें हाइपरटेंशन की समस्या देखी गई।
कैसे खराब नींद आपके हृदय को प्रभावित करती है (bad sleep link to heart disease)
हाइपरटेंशन का कारण बनता है
अपर्याप्त या खराब गुणवत्ता वाली नींद हाइपरटेंशन का कारण बन सकती है। समय के साथ, उच्च रक्तचाप हृदय और रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल सकता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
हृदय रोग का बढ़ता जोखिम
लगातार नींद की कमी या खराब नींद की क्वालिटी का खराब होना हृदय रोग के बढ़ते हुए जोखिम का कारण बन सकता है। इसमें कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा और हार्ट फेल जैसा समस्या हो सकती है।
अपर्याप्त या खराब गुणवत्ता वाली नींद हाइपरटेंशन का कारण बन सकती है।
सूजन का कारण बन सकती है
नींद की कमी से शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो हृदय रोग की समस्या का कारण बन सकती है। यह सूजन आपके हार्ट हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है। इससे आपका हार्ट पूरे शरीर में ठीक तरह से ब्लड नहीं पहुंचा पाएगा।
मेटाबॉलिक रूप में बदलाव
आपकी नींद भूख, मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन में परिवर्न से संबंधित हार्मोन को रेगुलेट करने में काफी मदद करता है। नींद की कमी इन हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है। जिससे वजन बढ़ना, इंसुलिन में परिवर्तन और मधुमेह जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है।