किडनी यानी गुर्दे हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं. इसका काम शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर करके बॉडी को फिट रखना है. अगर किसी वजह से किडनी के काम में थोड़ी भी रुकावट आने लगे तो शरीर में इंफेक्शन फैलते देर नहीं लगती है.

ऐसी परिस्थितियों में मल्टी ऑर्गन फेलियर होने और इंसान की मौत तक की आशंका हो जाती है. डॉक्टरों के मुताबिक, जब किसी शख्स की किडनी डैमेज होती है हो इसके लक्षण उसके पैरों में भी नजर आने लगते हैं. वक्त रहते इन लक्षणों को पहचान कर अगर उसका सही इलाज शुरू करवा दें तो काफी हद तक बचाव हो सकता है. आइए जानते हैं कि पैरों में दिखने वाले किडनी डैमेज के वे लक्षण कौन से होते हैं.

 

पैरों के तलवों का ठंडा रहना

 

सर्दियों में पैरों के तलवे ठंडे रहना सामान्य बात है लेकिन अगर गर्मियों में भी आपके तलवे हमेशा ठंडे रहते हैं तो यह असामान्य माना जाता है. यह आपकी किडनी खराबी का भी संकेत हो सकता है. असल में जब हमारी किडनी ढंग से काम नहीं कर पाती तो इससे ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है. ऐसे में हमारे पैर ठंडे होने शुरू हो जाते हैं.

 

पैरों में अक्सर तेज खुजली होना

 

हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक, अगर आपको तलवों या पैरों के आसपास अक्सर तेज खुजली रहती है तो यह किडनी खराबी का एक लक्षण हो सकता है. ऐसा तब होता है, जब हमारी किडनी ढंग से विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाती. जिसके चलते वे टॉक्सिंस शरीर में जमा होने लग जाते हैं. इससे त्वचा में खुजली होने लग जाती है.

 

पैरों और घुटनों में सूजन रहना

 

अगर लंबे समय तक किसी व्यक्ति के पैरों और घुटनों में सूजन बनी रहे तो यह भी किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है. असल में किडनी में टॉक्सिंस के इकट्ठे होने लग जाते हैं तो घुटनों और पैरों में इस तरह की समस्या होने लग जाती है. इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

 

पैरों में झनझनाहट महसूस होना

 

पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना भी किडनी डैमेज होने का लक्षण हो सकता है. इसकी वजह ये है कि गुर्दों के ढंग से काम न करने की वजह से ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कतें आने लग जाती हैं. जिसे कई बार पैरों में झनझनाहट होने लग जाती है.

 

पैरों में दर्द और ऐंठन

 

यह भी किडनी के खराब होने का एक अहम संकेत माना जाता है. इसकी वजह ये है कि किडनी खराब होने पर इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन हो सकता है. ऐसे में मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है. इस दिक्कत की वजह से लोग चलने-फिरने में भी खुद को असहाय महसूस करने लगते हैं.

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                          क्वालीफाईड डायटीशियन                                    डायबिटीज एडुकेटर – अहमदाबाद

By AMRITA

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *