हमारे भारतीय खेती में कई ऐसी साग सब्जियां हैं जो कई प्रकार के औषधीय गुणों का भंडार है परन्तु , जिसकी हमें कोई जानकारी ही नहीं होती . कई ऐसे साग है जिसमें पौष्टिकता की प्रचूर मात्रा है और हम जानकारी के अभाव में इसे सही बीमारी और सही समय पर उपयोग नहीं कर पाते हैं.
बिहार – झारखंड में भी कई ऐसे साग हैं जिसके बारे में बहुत सारे लोगों को नहीं पता होगा. जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट है बल्कि ये हमारे लिए सेहत का खजाना होता है. झारखंड का ऐसा ही एक साग है जो खासकर गर्मियों में आसानी से मिल जाता है.
इसका नाम है कोइनार साग. पालक, मेथी और सरसों की तरह ही इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं. खासकर ये शुगर मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. यहां के आदिवासी समुदाय समेत अन्य लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं.
पोषक तत्व का खजाना
कोइनार साग में आयरन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं. इसकी पत्तियां ऊंट के पैरों जैसी दिखती हैं. इसे आप चावल या रोटी के साथ खा सकते हैं. कई लोग इसका सूप बनाकर भी पीते हैं. इसे उबालकर स्टोर भी किया जा सकता है. इसलिए इसे फालतू समझने की भूल न करें. यदि यह साग आपको बाजार में दिखे तो जरूर खरीदें.
बनाने की विधि:
कोइनार साग को भी दूसरे सागों की तरह प्याज, लहसुन, हरी मिर्च और तेल के साथ बनाया जाता है.
कोइनार साग खाने के फायदे:
गर्मियों में शरीर को ठंडक देता है
पाचन ठीक रहता है और पेट ठंडा रहता है
आयरन की कमी को दूर करता है
दिल को स्वस्थ रखता है
डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर के खतरे को कम करता है
कब्ज की दिक्कत नहीं होती
खून साफ करता है और त्वचा में निखार लाता है
रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एडुकेटर – अहमदाबाद