बचपन से हम सुनते आए हैं बड़े बुजुर्गों को यह बात बताते हुए की पानी को बचाना सीखो. जल ही जीवन है जिस दिन पानी नहीं रहेगा जीवन खत्म हो जाएगा. सही बात है लेकिन पानी हो भी मगर शुद्ध ना हो तो ऐसे भी जीवन संकट में पड़ जाएगा.
पानी हम सभी के जीवन के लिए बेहद जरूरी है. हम सभी इसका भरपूर सेवन करते हैं. ऐसे में पीने वाले पानी की शुद्धता का भी खास ख्याल रखना होता है. अगर हम शुद्ध और साफ पानी का सेवन नहीं करते हैं तो इस वजह से हम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.
खराब पानी का सेवन करने से पेट में इंफेक्शन, डायरिया जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं. शुद्ध पानी पीने के लिए अगर आप भी घर में RO वॉटर प्यूरिफॉयर लगवा रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए का पानी का TDS लेवल कितना है. बता दें कि TDS पानी की शुद्धता दर्शाता है. आइए जानते हैं पीने वाले पानी का TDS कितना होना चाहिए.
RO वाटर और TDS का महत्व :
आज के समय में हर घर में RO (Reverse Osmosis) पानी के फिल्टर लगाए जाते हैं. इस तकनीक से पानी को शुद्ध किया जाता है, लेकिन क्या यह शुद्ध पानी हमारे शरीर के लिए सही है? पानी की शुद्धता को TDS (Total Dissolved Solids) के रूप में मापते हैं, जो यह बताता है कि पानी मेंकितनी मात्रा में मिनरल्स और दूसरे तत्व घुले हुए हैं.
RO के पानी का TDS कितना होना चाहिए?
एक लीटर पानी में TDS की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम होने पर वह पानी पीने के लिए सुरक्षित माना जाता है. अगर TDS की मात्रा 250 मिलीग्राम से कम हो, तो पानी में मिनरल्स और दूसरे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. अगर TDS 900 मिग्रा से ज्यादा होता है तो पानी पीने के लायक नहीं माना जाता है. कुल मिलाकर पानी वाले पानी का TDS 300 से 600 मिलाग्राम के बीच होना चाहिए.
RO पानी का TDS स्तर 350 के आसपास होना चाहिए. इससे पानी में जरूरी खनिज बने रहते हैं और पानी का टेस्ट भी अच्छा रहता है. बहुत ज्यादा शुद्ध पानी पीने से शरीर में जरूरी मिनरल्स की कमी हो सकती है, जो बाद में हेल्थ समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एडुकेटर अहमदाबाद