दिव्या सिंह (वेलनेस कोच एवं रेकी हीलर ,पटना)
“मर्म थेरेपी” एक आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसका इतिहास 5000 साल पुराना है. मर्म शब्द संस्कृत के शब्द ‘मृण’ से निकला है. इसका अर्थ ‘छिपा हुआ’ होता है. मर्म थेरेपी से शारीरिक दर्द चुटकियों में ठीक हो जाता है।
मर्म चिकित्सा वास्तव में अपने अंदर की शक्ति को पहचानने जैसा है। कहा जाता है कि शरीर की स्वचिकित्सा शक्ति (सेल्फ हीलिंग पॉवर) ही मर्म चिकित्सा है। मर्म चिकित्सा से सबसे पहले शांति व आत्म नियंत्रण आता है और सुख का अहसास होता है।इसमें शरीर के कुल 107 बिंदुओं को दबाकर कई रोगों का इलाज किया जाता है. मांसपेशियों के दर्द में मर्म चिकित्सा पद्धति बहुत कारगर है,ये बिंदु शरीर के आगे और पीछे दोनों हिस्सों को कवर करते हैं।
निचले छोरों पर 22
22 भुजाओं पर
12 छाती और पेट पर
14 पीठ पर, और
सिर और गर्दन पर 37
मर्म के दौरान क्या होता है?
मर्म चिकित्सा में शरीर के बिंदुओं का बहुत हल्का उत्तेजना किया जाता है। यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आराम और शक्ति प्रदान करते हुए मर्म बिंदुओं से रुकावटों को दूर करता है। यह एक शक्तिशाली प्रक्रिया और एक थेरेपी है जो शरीर में ऊर्जा चैनलों को खोलने के लिए इन सूक्ष्म और संवेदनशील ऊर्जा बिंदुओं के साथ काम करती है जिसे स्रोत कहा जाता है।
मर्म बिंदु, जब त्वचा पर धीरे से दबाया जाता है तो सकारात्मक घटनाओं की एक श्रृंखला को उत्तेजित कर सकता है।
मर्म प्वाइंट थेरेपी का उपयोग कई प्रकार की स्थितियों को संबोधित करने के लिए किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं
1.मस्कुलोस्केलेटल विकार: गठिया, पीठ दर्द और मांसपेशियों में तनाव।
2.तंत्रिका संबंधी विकार: सिरदर्द, माइग्रेन और तंत्रिका दर्द।
3.गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार: अपच, कब्ज और सूजन
4.भा वनात्मक और मनोवैज्ञानिक मुद्दे: चिंता, अवसाद और तनाव।
5.त्वचा की स्थिति: एक्जिमा, सोरायसिस, और मुँहासा।
6.श्वसन संबंधी विकार: एलर्जी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस।
7.महिलाओं का स्वास्थ्य: मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं, पीएमएस और रजोनिवृत्ति के लक्षण।
मर् चिकित्सा के फायदे:
मर्म चिकित्सा हमारे शरीर के लिए बहुत प्रकार से लाभदायक होती है. यह हमारे शरीर में शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से और अध्यात्मिक रूप से काम करती है. यह हमारे शरीर के लिए बहुत बेहतरीन मानी जाती है।
1 .शरीर को क्रोनिक पेन से मुक्ति दिलाती है।
2.शरीर का हर प्रकार से डिटॉक्सिफिकेशन करती है।
3. आपकी इम्यूनिटी, पाचन, रेस्पिरेटरी व न्यूरल हेल्थ को बेहतर बनाती है।
4. स्किन को हेल्दी बनाती है।
5.शारीरिक तापमान को संतुलित करने में सहायक है।
6.कुछ न्यूरो केमिकल्स जैसे सेरोटोनिन, मेलाटोनिन को रिलीज करने में मदद करती है, जिसकी मदद से आपको चैन की नींद आती है।
मर्म थेरेपी के बारे में पिछले कुछ वर्षो में जागरूकता और लोगो मे इसकी रुचि बढ़ी है ।इसके उत्तराखंड में बहुत सारे इंस्टीट्यूट हैं जहा कोई भी इसकी ट्रेनिंग ले सकता है ,यदि आप भी इस थेरेपी को सीखना चाहते है तो आप भी इसकी सिख कर अपना और अपने स्वाथ्य का खयाल रख सकते है ।