नवरात्रि शुरू हो चुकी है और जैसा कि हम सब जानते हैं नवरात्रि के दौरान 9 दिनों के लिए व्रत रखा जाता है।वैसे तो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीके से इसे करते हैं। कुछ लोग 9 दिन फलाहार पर रहते हैं, कुछ लोग एक समय का भोजन करते हैं तो कुछ लोग छाती पर क्लास रखते हैं सोते हैं। जैसी जिसकी अपनी शक्ति और श्रद्धा होती है लोग उस तरीके से अपने विधि विधान को अंजाम देते हैं और मां दुर्गा की पूजा आराधना में रहते हैं। कई लोग पूरी नवरात्रि किसी भी तरीके का कोई श्रृंगार नहीं करते। वह सादगी से रहते हैं तो कुछ लोग साबुन और शैंपू भी नहीं लगाते। परंतु ऐसे में स्वच्छता बरकरार रखना भी जरूरी होता है। साबुन की जगह अगर आप मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं तो यह न सिर्फ आपकी स्वच्छता और धर्म के हिसाब से आपके लिए सही रहता है बल्कि आपके शरीर के कई अंगों, त्वचा को और मन को भी कई प्रकार से स्वास्थ्य प्रदान करता है।आईए जानते हैं मिट्टी से नहाने के क्या-क्या लाभ हैं और नवरात्रि में मिट्टी स्नान या मड बाथ के क्या फायदे हैं।

 

नवरात्रि का समय ऐसा होता है जब मानसून चली जाती है और शरद ऋतु यानी की जाड़े का मौसम शुरू हो रहा होता है। ऐसे में मौसम परिवर्तन का जो सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है वह हमारी त्वचा पर होता है। इसलिए जब नवरात्रि के दौरान हम मिट्टी से स्नान करते हैं तो इन नौ दिनों में उस मिट्टी के अंदर की जो मॉइश्चर होती है वह हमारे शरीर में त्वचा के माध्यम से ऑब्जर्व होती है जो पूरे सर्दी हमें त्वचा की सिकुड़न से बचाने में मददगार होती है। इसके अलावा मिट्टी में कई ऐसे खनिज लवण होते हैं जो हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।

मिट्टी से नहाने के कई लाभ हैं, जिनमें त्वचा की गहरी सफाई, रोमछिद्रों का खुलना, और शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन शामिल है। यह मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करता है, तनाव घटाता है, रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है और त्वचा को प्राकृतिक रूप से एक्सफोलिएट करता है। मिट्टी का उपयोग टैनिंग को कम करने, त्वचा को सॉफ्ट और चमकदार बनाने और मुहांसे व एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं में भी सहायक होता है।

 

मिट्टी से नहाने के मुख्य फायदे:

 

त्वचा की सफाई और डिटॉक्स: मिट्टी त्वचा के छिद्रों से अतिरिक्त तेल, गंदगी और विषाक्त पदार्थों को सोख लेती है, जिससे त्वचा साफ और तरोताजा महसूस होती है।

 

तनाव से राहत: गर्म, मुलायम मिट्टी में आराम करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और मन शांत होता है, जो तनाव और कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

 

जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द कम करना: मिट्टी के स्नान से मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।

 

त्वचा का एक्सफोलिएशन: मिट्टी प्राकृतिक रूप से एक स्क्रबर के रूप में काम करती है, मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने और त्वचा को कोमल और मुलायम बनाने में मदद करती है।

 

रक्त परिसंचरण में सुधार: मिट्टी का स्नान रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।

 

टैनिंग में कमी: यह धूप के कारण हुई टैनिंग को कम करने में मदद करती है और त्वचा के रंगत में सुधार करती है।

 

मुंहासे और एक्जिमा में सहायक: त्वचा से गंदगी और तेल निकालने के कारण, यह मुहांसों और एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकती है।

 

शरीर को ठंडक: मुल्तानी मिट्टी जैसे प्रकार गर्मियों में त्वचा को ठंडक पहुंचाते हैं और घमौरियों से राहत देते हैं।

 

सावधानियां:

यदि आपकी त्वचा बहुत दानेदार मिट्टी से जलन होती है तो इसका उपयोग न करें।

जब घाव खुले हों तो मिट्टी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

 

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रीशन                          क्वालीफाईड डायटीशियन                                    डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद

 

By AMRITA

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