दिव्या सिंह,(वेलनेस कोच एवं रेकी हीलर, पटना)
माइंडफुलनेस मेडिटेशन एक ऐसी थेरेपी है जिसके माध्यम से हम अपने अंदर आसपास की घटनाओं और हालात के बारे में सजगता पैदा करते हैं। इस प्रक्रिया में हमें बस उन्हीं स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करना होता है जहां हम होते हैं।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन ध्यान करने का एक तरीका है जिससे आप अपने माइंड को कंट्रोल कर सकते हैं। आज की भागती जिंदगी में सब कुछ तेजी से चल रहा है पर हमारे दिमाग की क्षमता उतनी ही है। ज्यादा चीज़ों को एक साथ करने या सोचने से दिमाग परेशान हो जाता है और आप स्ट्रेस में आ जाते हैं। इससे बचने के लिये मेडिटेशन की इस तकनीक को जरूर सीखें।मैं एक माइंडफुलनेस मेडिटेटर हूं और करीब 5 सालो से ये लोगो को सिखा रही हूं,इसकी मदद से हमने बहुत लोगो की नेगेटिव थॉट्स, एंक्साइटी, डिप्रेशन, नकारात्मक सोच, ओवरथिनिंग जैसी बहुत सारी समयाओ का समाधान किया है ।
कैसे करते हैं माइंडफुल मेडिटेशन?
1 सबसे पहले पालथी लगाकर बैठ जायें। किसी शांत जगह का चुनाव करें जहां आप ध्यान लगा पायें।
2.पीठ को सीधा रखें। आप चाहें तो तकिए की मदद ले सकते हैं।
3 आंखों को बंद करके अपने अंदर की आवाज़ों को सुनने की कोशिश करें।
4 शांति से बैठकर सोचने पर आपको अहसास होगा कि दिमाग में कितनी उथल-पुथल है।
5 शुरूआत में कुछ मिनटों के लिये करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाते जायें।
6 आप देखेंगे कि कुछ ही हफ्तों में आपका स्ट्रेस लेवल कम हो रहा है।
माइंडफुल मेडिटेशन के फायदे :
1.माइंडफुल मेडिटेशन को करने से स्ट्रेस दूर रहता है।अगर लंबे समय से आप किसी बात से परेशान हैं तो इसे जरूर ट्राई करें।
इस मेडिटेशन से याद करने की शक्ति सुधरती है। जो बच्चे को पढ़ाई को लेकर चिंता में हैं वो उसे करके देखें इससे याददाश अच्छी होती और आपको देर तक बातें याद रहती है।
2.इस मेडिटेशन से याद करने की शक्ति सुधरती है।
जो बच्चे को पढ़ाई को लेकर चिंता में हैं वो उसे करके देखें इससे याददाश अच्छी होती और आपको देर तक बातें याद रहती है।
3.अगर ऑफिस में आपको गुड डिसीज़न मेकर नहीं समझा
अगर ऑफिस में आपको गुड डिसीज़न मेकर नहीं समझा जाता तो घबरायें नहीं एक बार माइंडफुल मेडिटेशन करके देखें। आपके फैसले लेने की क्षमता में बदलाव आयेगा। आप तुरंत निर्णय ले पायेंगे। इससे एकाग्रता भी बढ़ती है तो देर तक आपका काम में मन लगा रहेगााा।
4.कपल्स को भी ये मेडिटेशन करना चाहिये।
इसे करने से आप एक-दूसरे को और बेहतर तरीके से समझने लगते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इसे करने से अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है।
5.माइंडफुल मेडिटेशन करने से हाइपर एक्टिविटी कम हो जाती है।
इसका मतलब है कि हम एक साथ कई चीज़ें सोचने लगतें हैं और हमारा दिमाग इसे समझ नहीं पाता इसलिये स्ट्रेस या सिर दर्द होने लगता है। इस मेडिटेशन से आपका दिमाग शांत होता और उसके अंदर चल रही उथल पुथल भी कम होती है ।
6.जिन लोगों को नींद नहीं आती उन्हें ये मेडिटेशन करना चाहिये।
इसे आप किसी भी समय कहीं पर भी कर सकते हैं। इसे रोज करने का सबसे बड़ा फायेदा ये है कि आपको गहरी नींद आयेगी।
7.अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है
अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या आप चिड़चिड़े हो रहे हैं तो इस मेडिटेशन को जरूर करके देखें। आपका गुस्सा कंट्रोल होने लगेगा और आप इमोशनली स्टेबल हो जायेंगे।
खुश रहने का सबसे आसान उपाय है माइंडफुल मेडिटेशन। आपको इसे एक बार ट्राय करके अपनी जिंदगी को नया नजरिया देना चाहिये।
माइंडफुल मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें और इसका लाभ उठायें। काम तो पूरे दिन चलता है पर दो घड़ी अपने साथ भी बितायें। इन छोटी-छोटी चीज़ों को करने से तनाव आपका पीछा छोड़ देगा।आपकी अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का विकास होगा और आप बहुत सारी मानसिक बीमारियों से दूर रहेंगे।