अंग्रेजी में एक कहावत है – “MORNING SHOWS THE DAY”. आपकी सुबह आपके दिन की शुरुआत ही नहीं आपके दिन की पहली झलक भी होती है.कहते हैं सुबह सुहानी हो तो दिन लाजवाब होता है. सुबह जिंदगी का सबसे जरूरी हिस्सा है. अगर यह अच्छी रहती है तो पूरा दिन अच्छा बीतता है. इसके लिए हर किसी को स्लो लीविंग के महत्व को समझना चाहिए.
सुबह ऑफिस जल्दी टाइम पर पहुंपहुंचन, च्चों के स्कूल बस न छूट जाए, टिफिन तैयार कर पाएंगे या नहीं और न जाने कितने टेंशन? तो क्या आपकी भी सुबह की शुरुआत अलार्म बजकर होती है? उठते ही आप मोबाइल पर मेसेज और ई-मेल चेक करते हैं? वॉशरूम में भी मोबाइल लेकर जाते हैं? ऑफिस जाने से पहले भागा-दौड़ी में नाश्ता करते हैं? तो थोड़ा ठहर जाइए और रफ्तार धीमी कर दीजिए अपनी दौड़ा- दौड़ी की. अपनी जीवनशैली को थोड़ा बदल दें और स्लो लीविंग की शुरुआत करें ताकि लंबे समय तक निरोग रह सकें आप.
क्या है स्लो लीविंग ?
स्लो लीविंग का मतलब है “S: sustainable, L: local, O: organic, W: whole living style”. चीन, कोरिया समेत दुनिया के कई देशों के लोग स्लो लीविंग को अपना रहे हैं. इस लाइफस्टाइल में दिन की शुरुआत धीमी गति से होती है. इसमें लोग जमीन से जुड़ा रहना पसंद करते हैं. विदेशों में ऐसी जिंदगी छोटे शहरों में ज्यादा पसंद की जा रही है. भारत में भी अब कई बिजनेसमैन गांव में पलायन करके इस जीवनशैली को अपना रहे हैं. स्लो लीविंग एक माइंडफुल और हेल्दी रूटीन है.
आरामदायक सुबह जो बना दे आपका दिन बेहतरीन
हर रोज बिना अलार्म की मदद के उठें. उठने का समय एक ही रखें. इससे आपकी बॉडी क्लॉक एडजस्ट हो जाएगी और आप हर रोज सुबह एक समय पर ही उठेंगे. कोशिश करें कि सुबह 4 या 5 बजे तक उठ जाएं. इस समय हर काम आराम से करें. सुबह अच्छा-सा म्यूजिक सुनें, मेडिटेशन करें, किताब पढ़े या गार्डनिंग करें. इससे आपका मन शांत रहेगा. दिन की प्लानिंग सुबह की बजाय रात को ही कर लें. इससे सुबह आपके पास अपने लिए पूरा समय होगा.
तनाव रहता है कोसों दूर
आजकल लोगों की दिन की शुरुआत मोबाइल से होती है और अंत भी इसी से होता है. लोगों ने अपने परिवार और समाज के साथ बैठना बंद कर दिया है. जिससे उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ने लगी है. वह डिप्रेशन, अकेलेपन और एंग्जाइटी का शिकार होने लगे हैं. स्लो लीविंग इंसान को जिंदगी का सही मतलब बताती है. इसमें लोगों से बात करना, उन्हें समय देना शामिल है. जिससे तनाव दूर रहता है. इससे व्यक्ति इमोशनली स्टेबल बनता है.
सेहत को दें क्वालिटी टाइम
सुबह उठते ही सबसे पहले भगवान को धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने आपको यह अच्छी जिंदगी दी है. लेकिन लोग सुबह उठते ही वॉट्सऐप चेक करने लगते हैं. इस समय सेहत को वक्त दें. उठने के साथ पानी पीएं. धूप में बैठें. पेड़-पौधों को निहारे और नेचर से कनेक्ट होने की कोशिश करें. नंगे पैर घास पर चलें. जो व्यक्ति प्रकृति से करीब रहते हैं, बीमारियां उनसे कोसों दूर रहती हैं. ऐसे लोगों की उम्र भी लंबी होती है. रोज सुबह वॉक और एक्सरसाइज भी करें.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन, डायबिटीज एडुकेटर अहमदाबाद