स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए अच्छी नींद जरूरी है और अच्छी नींद के लिए न केवल अच्छा मूड ही नहीं बल्कि अच्छा बेडरूम भी जरूरी है.इतना ही नहीं बेड और बेडरूम का वास्तु शास्त्र के अनुसार होना जरूरी है. यदि बेड सही दिशा में रखा हो, बेडरूम वास्तु के अनुसार हो तो घर में सकारात्मकता रहती है.
घर के लोगों की सेहत अच्छी रहती है. मानसिक शांति मिलती है. घर में सुख-समृद्धि आती है. वहीं गलत तरीके से रखा बेड या गलत बेड का चुनाव जीवन में कई परेशानियां लाता है. गरीबी, अशांति, अनिद्रा, असफलता, बीमारियों का कारण बनता है. जानिए चैन की नींद सोने और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए बेड और बेडरूम को लेकर किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
बेड और बेडरूम के लिए वास्तु नियम
– घर में बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है. साथ ही बेडरूम में बेड इस तरह रखना चाहिए कि सोते समय सिर दक्षिण दिशा में हो. गलती से भी दक्षिण दिशा में पैर करके ना सोएं. वरना ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर पड़ता है. नींद अच्छी नहीं आती है और सेहत संबंधी कई समस्याएं होती हैं.
– बेड हमेशा लकड़ी का होना चाहिए. बेहतर है कि बेड सागौन या शीशम की लकड़ी का होना बहुत शुभ होता है. बेड आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए. लोहे के बेड पर सोना अच्छा नहीं होता है. खासकरके पति-पत्नी को लोहे के बेड पर नहीं सोना चाहिए, इससे शनि देव रिश्ते पर बुरा असर डालने लगते हैं.
– बेड कभी भी बीम के नीचे ना लगाएं. इससे तरक्की में बाधाएं आती हैं. लाख कोशिशों के बाद भी काम सफल नहीं होते हैं. दंपत्ति यदि बीम के नीचे सोएं तो वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं.
– बेडरूम में शीशा ना हो और कम से कम शीशे का मुंह बेड की ओर नहीं होना चाहिए, क्योंकि सोते हुए व्यक्ति का शीशे में प्रतिबिंब बनना अशुभ होता है.
– यदि बेड में स्टोरेज की जगह है तो उसमें जूते-चप्पल रखने की गलती ना करें. इससे नकारात्मकता बढ़ती है और नींद में खलल पड़ता है. वैसे तो बेडरूम में ही जूते-चप्पल ना रखें. ना ही बेड में लोहे का सामान, कबाड़ आदि रखें. बेड के स्टोरेज में कपड़े आदि रखना ही बेहतर है.
टीम हेल्थ वॉच हेल्थ वॉच पोर्टल