किसी भी रसोई में नमक का एक खास महत्व है। नमक के बिना शायद ही किसी रसोई की कल्पना ही की जा सकती है।ऐसे में सबसे बड़ा चैलेंज होता है सही टेबल सॉल्ट का चुनाव। हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने यह सुझाव दिया है कि सोडियम-बेस्ड टेबल सॉल्ट को पोटेशियम-बेस्ड नमक (K-salt) से रिप्लेस करने से ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट डिजीज के रिस्क को घटाने में मदद मिल सकती है.
के-सॉल्ट के फायदे
के-सॉल्ट सोडियम क्लोराइड को पोटेशियम क्लोराइड के साथ सब्स्टिट्यूट करते हैं, जिससे डबल फायदा मिलता है. सोडियम का सेवन कम करना और पोटेशियम की खपत बढ़ाना. हालांकि, ये सिफारिश सिर्फ घर के खाना पकाने तक सीमित है और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों या रेस्तरां के भोजन पर लागू नहीं होती है, जो डेली सोडियम इटनेक में अहम रोल अदा करते हैं.
पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है, और इसका सेवन स्वाभाविक रूप से सेम, नट्स, पालक, गोभी, केले और पपीता जैसे खाद्य पदार्थों के जरिए किया जा सकता है. डब्ल्यूएचओ की नई गाइडलाइंस में इस बात पर जोर दिया गया है.
WHO की गाइलाइंस
1. सोडियम का सेवन रोजाना 2 ग्राम से कम करना (5 ग्राम नमक के बराबर).
2. सोडियम की खपत को कम करने के लिए टेबल सॉल्ट से बचें.
3. कुछ टेबल सॉल्ट को पोटेशियम-बेस्ट ऑप्शंस से रिप्लेस करें
ये दिशानिर्देश बच्चों, महिलाओं या गुर्दे की क्षति वाले व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है, क्योंकि इन ग्रुप्स के लिए पोटेशियम सॉल्ट्स की सुरक्षा की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
कैसे की गई रिसर्च?
यह सिफारिश तकरीबन 35,000 प्रतिभागियों को शामिल करने वाले 26 ग्लोबल रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल्स पर आधारित है. औसतन, पोटेशियम-बेस्ट सॉल्ट ऑप्शंस ने सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को 4.76 मिमीएचजी, डायस्टोलिक प्रेशर को 2.43 मिमीएचजी, गैर-घातक स्ट्रोक को 10% और हार्ट से जुड़ी मौतों को 23% तक कम कर दिया. हालांकि, ओवरऑल सोडियम इनटेक या दिल से जुड़ी घटनाओं में निश्चित कमी का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
भारतीयों के लिए भी समझना जरूरी
भारत में, जहां 35.5% आबादी (315 मिलियन लोग) हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित है और दिल की बीमारियां कुल मौतों का 28.1% कारण बनती हैं, ऐसे उपायों को अपनाना अहम हो सकता है। हालांकि, टेस्ट, मॉइस्चर रिटेंशन और शेल्फ लाइफ में इजाफें में सोडियम के अहम रोल के कारण प्री-पैकेज्ड फूड आइटम्स में पोटेशियम-बेस्ड सॉल्ट पर स्विच करने में चुनौतियां बनी हुई हैं. हाई बीपी और हार्ट डिजीज के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए इन रुकावटों को दूर करना जरूरी है.
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