अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाइड डायटीशियन, अहमदाबाद)
अक्सर डायबिटीज के मरीज चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं ताकि वो मीठा भी खा सकें और उनकी शुगर भी कंट्रोल में रहे. लेकिन आजकल स्वस्थ लोग भी आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगे हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं तो पहले जान लें कि प्राकृतिक चीनी के विकल्प के रूप में आप जिस ऑर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो आपकी सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं है. यह आर्टिफिशियल स्वीटनर आपके लिए एक मीठा जहर का काम करता है.
खाने की मिठास स्वास्थ्य के लिए करवा
किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरत से ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है, यह बात हम सब जानते हैं. ज्यादा मीठा स्किन प्रॉबलम्स और दांतों में कैविटी से लेकर डायबिटीज और दिल के रोग जैसी गंभीर बीमारियों को दावत देता है. इससे होने वाले नुकसान का सोचकर लोग चीनी को छोड़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके लिए मीठे से दूरी बनाना मुश्किल है.
यही वजह है कि पिछले कुछ समय से लोगों के बीच चीनी के विकल्प के तौर पर आर्टिफिशियल स्वीटनर का ट्रेंड बढ़ गया है. स्लिम-ट्रिम और सुंदर दिखने की चाहत में भी लोग आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की तरफ आकर्षित हुए हैं.
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स में कैलोरी की मात्रा ना के बराबर होती है और यह प्राकृतिक मिठास यानी चीनी और गुड़ का हेल्दी विकल्प होने का दावा करते हैं. डायबिटीज के रोगियों से लेकर वजन घटाने के लिए भी लोग चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या वाकई आर्टिफिशियल स्वीटनर चीनी का हेल्दी विकल्प हो सकते हैं. वास्तव में पिछले कुछ समय में ऐसी कई रिसर्च और थ्योरीज सामने आई हैं जिनमें आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल पर शुरुआत से हीं कई सवाल उठाए गए हैं परंतु आजतक इसका कोई सटीक और निर्णायक जवाब नहीं मिल पाया.