आंत आपकी बॉडी का सबसे बड़ा अंग होता है। इसमें दो तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, अच्छे और बूरे। यह बैक्टीरिया बीमारियों से बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। सेहतमंद रहने के लिए आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा ज्यादा होना जरूरी है। इस कार्य को करने में प्रीबायोटिक बहुत फायदेमंद होते है। यह भी माना जाता है कि प्रीबायोटिक इंसुलिन, ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके स्वास्थ्य स्थितियों के जोखिम कारकों को भी कम कर सकते हैं। कई कारको के साथ आपके खान-पान का असर गट बैक्टीरिया के विकास पर पड़ता है।
क्यों जरूरी हैं गट बैक्टीरिया?
यह कोशिकाओं के एक जटिल समुदाय होता है। यह मेटाबॉलिज्म, पोषण के पाचन और प्रतिरक्षा कार्य को बेहतर ढंग से करने में बॉडी की मदद करता है। वहीं, इन बैक्टीरियों में कमी या किसी प्रकार की गड़बड़ी आंत में सूजन और मोटापे जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल का जोखिम बढ़ा देता है।
आंत माइक्रोबायोम के लिए शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थ.
लहसुन प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करता है, और आंत में गुण बिफीडो-बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही यह रोग को बढ़ावा देने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में भी मदद करता है।
प्याज कई औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरे होने के कारण एक बढ़िया सब्जी है। यह इंसुलिन और FOS से भरपूर होती है। FOS गट फ्लोरा को मजबूत करता है, वसा के टूटने में मदद करता है, और कोशिकाओं में नाइट्रिक ऑक्साइड उत्पादन को बढ़ाने का काम करत है। जिससे आपकी कमजोर इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
अलसी के बीज में म्यूसिलेज गम, सेल्यूलोज और लिग्निन नामक फाइबर होता है। जिसके कारण इसे एक बेहतरीन प्रीबायोटिक माना जाता है। ऐसे में इसके सेवन से आंत के अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो पाचन, प्रतिरक्षा, और हेल्दी वजन को मेंटेन रखते हैं।
केला पाचन के बहुत फायदेमंद होता है। यह एक कम फ्रुक्टोज वाला फल है, जो फाइबर से भरपूर होने के साथ ही इनुलिन का अच्छा सोर्स होता है। यह एक तत्व होता है, जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ाता है।
जौ बीटा-ग्लूकॉन में उच्च होता है। यह एक प्रीबायोटिक फाइबर भी है, जो आपके पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। जौ में मौजूद बीटा-ग्लूकॉन कुल और गंदे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जो हार्ट को लंबे समय तक हेल्दी रखने के लिए जरूरी है।