कैल्शियम हमारी हड्डियों की मजबूती के लिए एक अहम पोषक तत्व है. आमतौर पर दूध, पनीर और दही जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से हम इसकी आवश्यकता की पूर्ति करते हैं. लेकिन, कुछ लोग दूध और इससे बने प्रोडक्ट के प्रति संवेदनशील होते हैं. जिन्हें हम लैक्टोज इनटॉलेरेंट कहते हैं।
ऐसे में हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम का सेवन करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
ऐसे में काले तिल को डाइट में शामिल करना बहुत फायदेमंद साबित होता है. काले तिल, में दूध से कई गुना ज्यादा कैल्शियम होता है. काले तिल न केवल कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है, बल्कि यह हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी कई अन्य पोषक तत्वों से भी भरपूर है. तो आइए आज जानते हैं काले तिल को खाने के फायदों और सही तरीकों के बारे में ।
काले तिल में है भरपूर कैल्शियम
दूध में 100 मिलीलीटर में लगभग 123 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जबकि काले तिल में 1286 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, यानी कि तिल में कैल्शियम की मात्रा दूध से कई गुना ज्यादा होती है. ऐसे में अगर आपको दूध पीने का मन नहीं करता या किसी कारणवश दूध नहीं ले सकते तो काले तिल एक बेहतरीन विकल्प है.
हड्डियों के लिए विशेष लाभ
काले तिल में केवल कैल्शियम ही नहीं, बल्कि मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. इसके अलावा, काले तिल में जिंक की भी अच्छी मात्रा होती है, जो बोन डेंसिटी (हड्डी घनत्व) को बढ़ाता है और हड्डियों को टूटने से बचाने में मदद करता है. यह तत्व ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी के खतरे को भी कम करता है.
गठिया और जोड़ों के दर्द में लाभदायक
काले तिल का सेवन गठिया जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में भी सहायक होता है. काले तिल में एंटी-इंफ्लामेटरी (सूजन कम करने वाली) प्रॉपर्टीज होती हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम कर सकती हैं और दर्द से राहत दिला सकती हैं.
कैसे खाएं काले तिल ?
आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं, और हल्का सा भूनकर भी खा सकते हैं. इन्हें सुबह खाली पेट खाना विशेष रूप से फायदेमंद होता है. आप काले तिल को सलाद, सब्जी, नूडल्स या चावल में भी मिला सकते हैं.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)