Punjabi Sarson Ka Saag

बदलते मौसम के साथ ही बाजार में हर जगह हरी सब्जियां दिखाई देने लगती हैं। सरसों के साग को देखकर मुंह में पानी आ जाता है और अगर इसे मक्‍के की रोटी और सरसों के साग के साथ खाया जाए, फिर तो सोने पर सुहागा हो जाता है। सर्दियों में सरसों का साग को गर्म रहने के लिए खाया जाता है। सरसों का साग तैयार करने के लिए बहुत सारी हरी सब्जियां को मिलाया जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि सरसों का साग अपने आप से थोड़ा कड़वा होता है, इसलिए साग में पालक, मेथी और बथुआ भी शामिल करने से कड़वाहट संतुलित होती हैं और यह सभी चीजें सरसों के साग को शक्तिशाली पोषण से भरपूर बनाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि सरसों का साग आपकी हेल्‍थ के लिए भी अच्‍छा होता है। ये वेट लॉस में मदद करने से लेकर कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल करने तक और त्‍वचा को ग्‍लोइंग बनाने में मदद करता है। क्‍या सच में सरसों का साग हमारी हेल्‍थ के लिए फायदेमंद होता है,

सरसों के साग के फायदे

पोषक तत्‍वों का पावरहाउस है सरसों का साग

सरसों के साग में इतने सारे पोषक तत्‍वों के मौजूद होने के कारण इसे खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसमें बहुत सारे फिनोल्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं। यह आहार फाइबर, प्रोटीन, विटामिन के, मैंगनीज, कैल्शियम, विटामिन बी 6, विटामिन सी और कई और अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

आहार फाइबर का सबसे अच्‍छा स्रोत

हाई मात्रा में फाइबर की मौजूदगी के कारण, जो लोग सरसों का साग का सेवन करते हैं उन्हें कब्ज और कोलन कैंसर होने की आशंका कम होती है। यह शरीर में पर्याप्त मल त्याग सुनिश्चित करता है। जैसा कि आहार फाइबर धमनियों को साफ करता है, यह पत्तेदार हरा साग ब्‍लड प्रेशर के स्तर को सक्षम करता है और इस प्रकार हाई ब्‍लड प्रेशर या हृदय रोग का खतरा कम करता है।

फाइटोकेमिकल्स की प्रचुरता

सरसों के साग में फाइटोन्यूट्रिएंट्स – ग्लूकोसाइनोलेट्स और फिनोल प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर को बीमारियों से बचाते हैं और शरीर को भीतर से मजबूत करते हैं।

वजन होता है कम

सरसों के साग में हाई मात्रा में फाइबर होने के कारण इसका सेवन मेटाबॉलिज्‍म को नियमित करने में मदद करता है और इस तरह शरीर का वजन सही रहता है।

कोलेस्‍ट्रॉल से बचाता है

खराब या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से बचाने में सरसों का साग आपकी मदद करता है। यह शरीर को बाइल बाइडिंग प्रक्रिया को कुशलता से पूरा करने में मदद करता है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है।

विटामिन ए और सी से भरपूर

ये दो मजबूत एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकते हैं जो शरीर में महत्वपूर्ण कार्यों और टिशू को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्‍स के कारण होता है।

शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है

इस हरी सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने में मदद करते हैं, टॉक्सिन को खत्म करते हैं और शौच के माध्यम से छुटकारा दिलाते हैं। यह शरीर में केमिकल्‍स और हैवी मेटल्स को बेअसर करने में भी मदद करता है।

इम्‍यूनिटी को करता है मजबूत

सरसों के साग में विटामिन सी की मात्रा में इम्‍यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो शरीर को सेल डैमेज से बचाते हैं, इसे भीतर से मजबूत करते हैं और कैंसर जैसे रोगों की शुरुआत को रोकते हैं। यह सर्दी और फ्लू जैसे मौसमी और वायरल संक्रमणों को रोकता है।

अस्थमा के रोगियों के लिए मददगार

सरसों के साग में विटामिन सी एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ, हिस्टामाइन के टूटने में मदद करके अस्थमा से जूझ रहे लोगों के लिए बहुत अच्‍छा होता है। इसके अलावा, मैग्नीशियम मौजूद होने के कारण यह ब्रोन्कियल नलियों और फेफड़ों को आराम देने में मदद करता है। इसके अलावा नाक की एलर्जी का मतलब साइनस सूजन के लिए एक खुला निमंत्रण है। विटामिन सी साइनस एलर्जी पर अंकुश लगा सकता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि सरसों का साग विटामिन सी से भरपूर होता है।

मुंहासे को भी रोक सकता है

सरसों का साग हेल्‍थ के लिए ही नहीं बल्कि त्‍वचा के लिए भी अच्‍छा होता है। इसमें फाइबर की बहुत अधिक मात्रा शरीर को डिटॉक्स करती है, जबकि इसके विटामिन सीबम उत्पादन को नियंत्रित करते हैं। इससे आप मुंहासों की समस्‍या से बची रहती हैं और चेहरे पर ग्‍लो भी आता है।

 (प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील ‌‌                    (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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