

काले तिडॉक्टर और सफेद तिल हर घर में पाए जाते हैं। इनका इस्तेमाल खाने के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। दोनों ही सेहत के लिए बेहद उपयोगी हैं। लेकिन सवाल ये है कि दोनों में से सेहत के लिए कौन ज्यादा पौष्टिक है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। सफेद तिल के अंदर कैल्शियमल मैग्नीशियम, तांबा, विटामिन बी6, प्रोटीन, खनिज लोहा आदि पाए जाते हैं जबकि काले तिल के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट तत्व, विटामिन सी, बी, प्रोटीन, कार्बोहाइ़ड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर, फोलेट आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
काले तिल और सफेद तिल में कौन सा है ज्यादा पौष्टिक?
वैसे तो काले और सफेद तिल दोनों में पोषक तत्व सामान होते हैं। वहीं सेहत के लिए दोनों को अपनी डाइट में जोड़ना एक अच्छा विकल्प है। लेकिन आयुर्वेद की मानें तो सफेद तिल की तुलना में काले तिल सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि काले तिल में आयरन और फाइबर दोनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
काले तिल और सफेद तिल की न्यूट्रिशन वैल्यू
पौषण तत्वों के नाम सफेद तिल काले तिल
आयरन 7.50mg 19.00mg
मैग्नीशियम 346mg 450mg
फास्फोरस 774mg 780mg
पोटैशियम 406mg 566mg
जिंक 10.23mg 9.16mg
प्रोटीन 16.96g 22.50g
1 – काले तिल त्वचा और बालों के लिए बेहद उपयोगी है। काले तिल के अंदर विटामिन ई पाया जाता है जो त्वचा को स्वस्थ बनाता है और उसे निरोग बनाता है। जबकि बालों के लिए काले तिल के अंदर पाए जाने वाला आयरन और विटामिन बी जरूरी होता है। यह दोनों बाल झड़ने की समस्या को दूर करने के साथ-साथ बालों को लंबा भी करता है।
2 – सफेद तिल थायराइड की जोखिम को कम करता है। साथ ही थायराइड ग्रंथि को ठीक करने के साथ-साथ थायराइड हार्मोन को बेहतर बनाता है। इसके अंदर पाए जाने वाला फैटी एसिड थायराइड ग्रंथि के लिए बेहद उपयोगी है।
3 – इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में काले तिल और सफेद तिल दोनों ही मददगार हैं। बता दें कि काले तिल के अंदर कॉपर मौजूद होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। वहीं सफेद तिल के अंदर इम्यूनोमोड्यूलेटरी प्रभाव मौजूद होता है जो प्रतिरोधक क्षमता को सपोर्ट करता है।
4 – रक्तचाप को कम करने के लिए भी काले तिल और सफेद तिल दोनों उपयोगी हैं। बता दें कि सफेद तिल के अंदर एंटी हाइपरटेंसिव गुण मौजूद होता है जो उच्च रक्तचाप पर प्रभाव डालता है जबकि काला तिल को अपनी डाइट में जोड़ा जाए तो यह भी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोगों कि मदद करता है।
काले तिल और सफेद तिल कब और कितना खाया जाता है?
काले तिल का सेवन सुबह, दोपहर और शाम तीनों टाइम किया जा सकता है। वहीं सफेद तिल को भी तीनों समय खाने से किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। लेकिन सफेद का सेवन प्रतिदिन नहीं करना चाहिए। काले तिल का सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं। हर शरीर की तासीर अलग होती है।
नोट – ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि काले तिल सेहत के लिए ज्यादा उपयोगी है। लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि सेहत की तासीर अलग होती है ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही इन दोनों को अपनी डाइट में जोड़ें।
प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)