सावन का महीना शुरू हो चुका है, इस महीने को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस दौरान देवों के देव महादेव की आराधना की जाती है. कई सारे लोग सावन के सोमवार का व्रत भी रखते हैं. पूराने समय से उपवास पूजा-पाठ का अहम हिस्सा रहा है. कई राज्यों में मंगलवार को गौरी पूजा का भी व्रत रखा जाता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, उपवास के दौरान शरीर और मन शांत हो जाता है, जिससे ईश्वर में ध्यान लगाने में आसानी होती है. उपवास को एक तरह की साधना माना गया है.

लेकिन मेडिकल साइंस के अनुसार उपवास को कई सेहतमंद फायदों के साथ जोड़ा गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथर्न कैलिफ़ोर्निया के अनुसार, फास्टिंग से उम्र लंबी होती है. हाल के समय में, इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी समय-बद्ध उपवास काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसमें से एक है 16/8 उपवास, जहां आप दिन में 16 घंटे कुछ नहीं खाते हैं और बाकी 8 घंटे में अपनी भोजन की मात्रा लेते हैं. चलिए आज जानते हैं- उपवास के दौरान बॉडी कैसे काम करती है, इसके फायदे और नुकसान क्या है, उपवास रखने का सही तरीका क्या है?

उपवास में शरीर में क्या होता है?

पहले कुछ घंटे शरीर में मौजूद ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा के लिए होता है. 6-8 घंटे बाद ग्लूकोज खत्म होने लगता है और शरीर वसा को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करना शुरू करता है. लंबे समय तक उपवास के बाद, शरीर एक मेटाबॉलिक स्थिति में प्रवेश करता है जिसे केटोसिस कहते हैं. इसमें वसा तेजी से जलता है और शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत बन जाता है.

उपवास के फायदे

वजन कम करने में मददगार : उपवास के दौरान शरीर को भोजन नहीं मिलता है, जिससे कैलोरी की कमी होती है. इससे वजन कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, उपवास मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर तेजी से कैलोरी बर्न करता है.

ब्लड शुगर नियंत्रण

उपवास करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर कम होता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शूगर को नियंत्रित करता है . इसलिए, उपवास से ब्लड शुगर के स्तर में सुधार हो सकता है और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है. यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि जिन्हें डायबिटीज है उन्हें उपवास नहीं रखना है।

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि उपवास हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जो हृदय रोग के जोखिम कारक हैं.

पाचन तंत्र को लाभ : उपवास के दौरान पाचन तंत्र को आराम मिलता है. इससे पाचन में सुधार हो सकता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है.

शरीर की सफाई (डिटॉक्सिफिकेशन) : उपवास के दौरान शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसे डिटॉक्सिफिकेशन कहते हैं. यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है.

उपवास रखने के नुकसान 

– शुरुआत में भूख और थकान महसूस हो सकती है.
– ब्लड शुगर के स्तर में गिरावट के कारण चक्कर आ सकते हैं.
– कुछ लोगों को उपवास के दौरान मूड में बदलाव का अनुभव हो सकता है.
– कुछ लोगों को कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
– अगर आप सही तरीके से नहीं खाते हैं तो पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.

कैसे करें उपवास?

उपवास करने से पहले ज्यादा हैवी खाना ना खाएं. इससे डाइजेशन खराब हो सकता है, जो उपवास के दौरान कमजोरी थकान की वजह बन सकता है. उपवास के दौरान हाइड्रेटेड रहें पानी, चाय और कॉफी पी सकते हैं लेकिन चीनी और दूध न डालें. संतुलित खाएं, उपवास के दौरान प्रोटीन फाइबर और हेल्दी फैट वाले फूड्स का सेवन करें. अगर आप बहुत बीमार हैं या दवा ले रहे हैं तो उपवास न करें.

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                    (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद) 

By AMRITA

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