भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए रोजाना हम कई तरह के मसालों को प्रयोग में लाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि ये मसाले सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, सेहत के लिए भी विशेष लाभदायक हो सकते हैं। यदि आप स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हुए अपने स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं, तो भारतीय मसाले इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। रोजाना प्रयोग में लाए जाने वाले कई मसालों में एंटीऑक्सिडेंट और कई प्रकार के अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।
लौंग, इलाइची, काली मिर्च से लेकर सौंफ, जीरा और दालचीनी तक, मसालों को स्वाद और सेहत का खजाना माना जाता है। इनका नियमित सेवन आपको कई गंभीर बीमारियों से भी सुरक्षा दे सकता है।
काली मिर्च
हर घर में खाने के लिए काली मिर्च को प्रयोग में लाया जाता है। छोटे-छोटे काले दाने कई तरह के औषधीय गुणों को समाहित किए होते हैं। काली मिर्च में पिपेरिन नामक पौधे से प्राप्त यौगिक होता है, जिसे टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पाया गया है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार, शरीर को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकते हैं। पिपेरिन को मस्तिष्क कार्यों में सुधार में भी कारगर पाया गया है।
हर घर में खाने के लिए काली मिर्च को प्रयोग में लाया जाता है। छोटे-छोटे काले दाने कई तरह के औषधीय गुणों को समाहित किए होते हैं। काली मिर्च में पिपेरिन नामक पौधे से प्राप्त यौगिक होता है, जिसे टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पाया गया है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार, शरीर को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रखने में सहायक हो सकते हैं। पिपेरिन को मस्तिष्क कार्यों में सुधार में भी कारगर पाया गया है।
दालचीनी
माना जाता है कि दालचीनी में कई औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग अक्सर चीनी हर्बल दवाओं में किया जाता रहा है। दालचीनी की विशिष्ट गंध और स्वाद इसे भोजन के लिए काफी आवश्यक बनाती है। दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड नामक यौगिक पाए जाते हैं। सिनामाल्डिहाइड एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है। दालचीनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाली औषधि मानी जाती है।
माना जाता है कि दालचीनी में कई औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग अक्सर चीनी हर्बल दवाओं में किया जाता रहा है। दालचीनी की विशिष्ट गंध और स्वाद इसे भोजन के लिए काफी आवश्यक बनाती है। दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड नामक यौगिक पाए जाते हैं। सिनामाल्डिहाइड एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है। दालचीनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाली औषधि मानी जाती है।
लौंग
लौंग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ये यौगिक आपके शरीर को मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। लौंग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को कम करने में मदद कर सकते हैं। दांत और मसूड़ों के दर्द में लौंग का तेल काफी राहत प्रदान करता है।
लौंग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ये यौगिक आपके शरीर को मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। लौंग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को कम करने में मदद कर सकते हैं। दांत और मसूड़ों के दर्द में लौंग का तेल काफी राहत प्रदान करता है।
जीरा
जीरा भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। इसे पोटैशियम और आयरन का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है। जीरा में एंटीऑक्सिडेंट्स भी प्रचुरता में पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करते हैं। जीरा में विभिन्न प्रकार के खनिज जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि इसे काफी स्वास्थवर्धक बनाते हैं।
जीरा भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। इसे पोटैशियम और आयरन का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है। जीरा में एंटीऑक्सिडेंट्स भी प्रचुरता में पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करते हैं। जीरा में विभिन्न प्रकार के खनिज जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि इसे काफी स्वास्थवर्धक बनाते हैं।
इलाइची
भोजन के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने में इलाइची को प्रयोग में लाया जाता रहा है। इसे ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी असरदार माना जाता है। इसके अलावा इलाइची में पाए जाने वाले यौगिक इंफ्लामेशन की समस्या को कम कर सकते हैं।
भोजन के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने में इलाइची को प्रयोग में लाया जाता रहा है। इसे ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी असरदार माना जाता है। इसके अलावा इलाइची में पाए जाने वाले यौगिक इंफ्लामेशन की समस्या को कम कर सकते हैं।
प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)