मस्टर्ड ऑयल यानी सरसों का तेल अपनी तेज सुगंध, हल्के-गहरे पीले रंग और स्वाद के लिए जाना जाता है. शायद यही वजह है कि इंडियन किचन में ज्यादातर लोग सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा भी कह सकते हैं कि ये तेल खाना बनाने के लिए भारतीय महिलाओं की पहली पसंद है. इतना ही नहीं सरसों के तेल को लेकर कहा जाता है कि ये हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है.

लेकिन क्या वाकई सरसों के तेल में कुकिंग करना सेहत के लिए फायदेमंद है? क्योंकि अमेरिका जैसे बडे़ देश में सरसों के तेल में कुकिंग नहीं की जाती है. वहाँ के शॉप में बॉटल पर ‘नॉट फोर सेल’ का लेबल लगा होता है.

कौन से सरसों का तेल है सही, काली या पीली? 

कुछ लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि आखिर किस सरसों के तेल में कुकिंग करना ज्यादा फायदेमंद है.

यदि आप दोनों ही तेल को बारी बारी से उपयोग करेंगे तो पाएंगे कि काली और पीली सरसों, दोनों ही तेल के स्वाद में काफी अंतर है. पीली सरसों का स्वाद थोड़ा टैंगी होता है तो वहीं काली सरसों का टेस्ट पंजेंट होता है. अगर बात करें इनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू की तो दोनों ही सरसों के तेल में कोई अंतर नहीं है.

किस सरसों का तेल है फायदेमंद

मेरी राय मानें तो दोनों ही सरसों का तेल उपयोग किया जा सकता है। लेकिन इसकी मात्रा थोड़ी निमित होनी चाहिए।   क्योंकि दोनों ही सरसों के तेल में एक चीज कॉमन है और वो है यूरिसिक एसिड . ये हमारे दिल के लिए खतरनाक तत्व है. यहीं वजह है कि सरसों के तेल का अधिकतम इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए.

रोटेशन में अलग – अलग तेल का करें इस्तेमाल

आप कुकिंग के लिए सरसों तेल के साथ साथ सन फ्लावर ऑयल, पीनट ऑयल, कोकोनट ऑयल या कैनोला तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. कैनोला ऑयल भी सरसों का तेल ही होता है लेकिन इसमें यूरिसिक एसिड नहीं होता. इसे इस्तेमाल करना एकदम सेफ है.

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                    (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर – अहमदाबाद) 

By AMRITA

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