जब कभी भी इनफर्टिलिटी की बात आती है हम सिर्फ और सिर्फ औरतों के बारे में ही सोचते हैं कि औरतों में ही कोई कमी होगी या उनमें ही कोई बांझपन की समस्या होगी जिसकी वजह से वह माँ नही बन पा रही हैं। लेकिन आज के टाइम में पुरुषों में भी कई प्रकार की समस्याएं देखी जा रही हैं जो उनके परिवार को आगे बढ़ाने में बड़ी समस्या की जड़ खड़ा कर रहे हैं। औरतों के बचपन से सभी लोग पुराने समय से ही परिचित हैं, लेकिन आजकल पुरुषों के भी बांझपन की समस्या काफी देखने को मिल रही है इस बांझपन के कई कारण हैं जिस पर अगर समय रहते ध्यान दिया गया तो उन्हें भी माता-पिता बनने का सुख मिल सकता है। इनमें से ही एक है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जो आज के युगल को संतान सुख से वंचित कर रहा है।

क्या है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मतलब है कि सेक्सुअल गतिविधियों के लिए पुरुषों के गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन न होना। यूं तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है।

लेकिन, कभी-कभी बढ़ते स्ट्रेस और खराब लाइफस्टाइल की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। ऐसा नहीं है कि व्यक्ति इस समस्या से छुटकारा नहीं पा सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो कुछ एक्सरसाइज की मदद से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को कम किया जा सकता है या इरेक्शन में कुछ हद तक सुधार किया जा सकता है। इसके लिए सही खानपान और संयमित दिनचर्या के साथ साथ नियमित एक्सरसाइज बेहद जरुरी है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में कारगर एक्सरसाइज :  

कीगल एक्सरसाइज

कीगल एक्सरसाइज को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है। इसकी मदद से पेल्विक एरिया की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। खासतौर पर प्यूबोकोकसीजस मसल्स पर इसका काफी दबाव बननता है। यह प्यूबिक बोन से टेलबोन तक पहुंचता है, जो कि पेल्विक ऑर्गन्स को सपोर्ट भी देता है। अगर किसी वजह से यह मांसपेशी कमजोर हो जाती है, तो कई बार इरेक्ट पेनिस से ब्लीडिंग होने लगती है। बहरहाल, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से प्यूबोकोकसीजस मजबूत और टोन्ड होती है।

एरोबिक एक्सराइज 

एरोबिक एक्सरसाइज की मदद से पेल्विक फ्लोर के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है, जिससे । द अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि एरोबिक एक्सरसाइज इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से निपटने में मदद मिलती है। आपको बता दें कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या सही तरह से ब्लड फ्लो न होने के कारण होता है। इस तरह की समस्या बढ़ते वजन के कारण देखी जा सकती है। ऐसे में अगर व्यक्ति अपने वजन को कम करे, तो संभवतः इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो सप्ताह में तीन से चार बार, दिन में 30 मिनट तेज वॉक करने से हार्ट हेल्थ में सुधार होता है, जो कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को प्रभावित करने के लिए काफी माना जाता है।

स्क्वॉट 

स्क्वॉट्स की मदद से भी पेल्विक फ्लोर, पैरों की मसल्स, थाईस और बैक की मासंपेशियों को सपोर्ट मिलता है। इस तरह की एक्सरसाइज मांसपेशियों में हो रही तकलीफों को दूर करती हैं। साथ ही, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करने में काफी मदद मिलती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि आप जितनी ज्यादा अपनी मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करते हैं, उतना ही ज्यादा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को कम करने और सेक्सुअल हेल्थ को सुधारने में मदद मिलती है।

पिलाटे एक्सरसाइज 

किसी भी कीगल एक्सरसाइज की तरह, पिलाटे को भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से निपटने में मददगार साबित होती हैं। पिलाटे में ऐसी एक्सरसाइज शामिल होती हैं, जिससे कोर स्ट्रेंथ बेहतर होती है, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और ओवर ऑल बॉडी पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। पिलाटे एक्सरसाइज के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप एक्सपर्ट से मिलें और इन्हें सही तरह से करने के लिए उनके दिए गए सजेशंस को फॉलो करें।

योगा 

किसी भी अन्य एक्सरसाइज की तरह, योगा को भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में काफी कारगर माना जाता है। वैसे अलग-अलग योगासन इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए विशेष तौर पर किए जाते हैं। योगा में कई ऐसे आसन शामिल हैं, जो खासकर पेल्विक एरिया पर काम करते हैं। इसके अलावा, योगा की मदद से स्ट्रेस को कम करने, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्या से निपटने में भी मदद मिलती है। ध्यान रखें कि स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन ऐसी समस्याएं हैं, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मुख्य कारण हो सकती हैं।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                    (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर – अहमदाबाद) 

By AMRITA

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