कॉस्मेटिक उत्पादों में मौजूद हानिकारक रसायनों के बारे में अब तक कई अध्ययनों में अलर्ट किया जाता रहा है। शोधकर्ता बताते हैं, चेहरे को चमकाने का दावा करने वाली कई क्रीम्स और अन्य उत्पादों में ऐसे हानिकारक तत्व मौजूद हो सकते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। डियोड्रेंट्स को लेकर किए गए शोध में भी इससे होने वाले खतरों को लेकर सावधान किया जाता रहा है। हालांकि इस बार जो मामला सामने आया है वो हैरान कर देने वाला है।

 सैलून में हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट ले रही एक महिला की किडनी डैमेज हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला करीब तीन साल की अवधि में बालों को सीधा कराने के लिए अक्सर सैलून जाया करती थी, इसी दौरान उसे सेहत में कुछ दिक्कतें होने लगीं। जांच के दौरान पता चला कि उसे किडनी में गंभीर समस्या हो गई है।

ऐसे में सवाल है कि क्या  हेयर स्ट्रेटनिंग से किडनी फेलियर जैसी दिक्कतों का खतरा हो सकता है?

मेडिकल रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, बालों को सीधा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ उत्पादों के कारण आर्गन डैमेज जैसी गंभीर समस्याओं का भी खतरा हो सकता है। डॉक्टर्स ने बताया, महिला की उम्र 26 साल है और वह जून 2020 से जुलाई 2022 के बीच कई बार हेयर ट्रीटमेंट लेने के लिए सैलून जाया करती थी।

महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, लेकिन हर बार ट्रीटमेंट लेने के बाद उसे उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ दर्द का अनुभव होता था। उपचार के दौरान उसने अपनी खोपड़ी पर जलन की भी शिकायत की और उसके सिर पर अल्सर भी हो गया था।

किडनी खराब होने की समस्या का पता चला

महिला की स्थिति समय के साथ बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद उपचार के दौरान जांच में पाया गया कि खून में क्रिएटिनिन का स्तर काफी बढ़ा हुआ था, जिसमें किडनी की समस्याओं का भी संदेह हुआ। जांच के अगले चरणों में महिला में किडनी खराब होने की समस्या का निदान किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने पेशाब में खून आने की भी शिकायत की थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराने के लिए कहा लेकिन इसमें संक्रमण का कोई अन्य लक्षण नहीं दिखा था।

स्ट्रेटनिंग क्रीम में हो सकते हैं खतरनाक रसायन

डॉक्टर्स कहते हैं, बालों का इलाज करने के दौरान स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाया जाता था जिसमें रासायनिक ग्लाइऑक्सिलिक एसिड होता है। डॉक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संभवतः इसके कारण ही उसकी खोपड़ी में जलन और अल्सर हो गया था।

बाद में चूहों पर किए गए प्रयोग में पता चला कि ये एसिड त्वचा के माध्यम से शरीर में अवशोषित हो जाता है और किडनी तथा अन्य अंगों तक पहुंच सकता है, जिसके  कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।

     प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील  ‌‌                (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

 

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