
अस्थमा एक क्रॉनिक बीमारी है जिससे दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हैं। जिन लोगों को अस्थमा की शिकायत होती है उन्हें सांस लेने में बड़ी ही मशक्कत का सामना करना पड़ता है। अगर बीमारी ज्यादा बढ़ जाए तो बात जान पर बन आती है। अस्थमा की जटिलताओं को कम करने के लिए रोगियों को इनहेलर दी जाती है। साथ साथ मेडिकेशन भी चलता है। अगर आप भी अस्थमा की जटिलताओं को कम करना चाहते हैं और फेफड़ों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो यह दो तरह के आसान को रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
मकरासन
मकरासन का अभ्यास करते वक्त गहरी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया होती है, इसलिए अस्थमा के मरीजों को इस आसन को करने से फायदा मिल सकता है। इससे फेफड़ा की क्षमता बढ़ती है। आइए जानते हैं मकरासन करने का सही तरीका।
कैसे करें मकरासन
- मकरासन करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब सर और कंधों को ऊपर उठाएं।
- ठोड़ी को हथेलियां और कोहनियों को जमीन पर टिका लें।
- आंखें बंद कर लें,इस दौरान गहरी सांस लेते रहें और छोड़ते रहें।
- इस आसन को 10 मिनट रोजाना करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
कपालभाति
अस्थमा और सांस से संबंधित समस्या में कपालभाति प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। यह काफी सरल योगासन होता है। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह काफी तेजी से सुधरता है। हर रोज 15 मिनट इस आसन को करने से फायदा मिल सकता है। आइए जानते हैं कपालभाति करने की विधि
- कपालभाति करने के लिए आप वज्रासन या पद्मासन मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं।
- इसे अपने दोनों घुटनों पर टिकाएं।
- गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खिंचे।
- ऐसा काम से कम 30 से 50 बार दोहराएं।
- अगर आप कपालभाति की शुरुआत कर रहे हैं तो इसे 5 से 10 मिनट ही करें. इसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं।
ज्योति गुप्ता, न्यूट्री डाइट्स
(क्वालिफाइड डायटीशियन , हैदराबाद)