14 अप्रैल को मिथिला में सतुआनी पर मनाया जाता है सत्तू गर्मी के मौसम में खाया जाने वाला एक विशेष खाद्य पदार्थ है जिससे हमारे शरीर को न सिर्फ प्रोटीन मिलता है बल्कि एनर्जी भी मिलती है और यह हमारे बॉडी में वाटर स्टोर का भी काम करता है ताकि हमें प्यास ना लगे। पहले के जमाने में जब लोग पैदल चलकर यात्रा करते थे तो साथ में सत्तू की पोटली रखा करते थे और वह रास्ते में रुक कर सत्तू घोलकर पिया करते थे यानी सत्तू का शरबत पिया करते थे और उन्हें इससे देर तक भूख और प्यास नहीं लगती थी।

चने के सत्तू का इस्तेमाल शरबत, लिट्टी जैसे कई तरह के डिशेज को तैयार करने के लिए किया जाता है। चने के सत्तू का सेवन आप प्रोटीन पाउडर के रूप में कर सकते हैं। चने का सत्तू पेट फूलना, गैस, बदहमी जैसी परेशानी को दूर करने में लाभकारी है।

चने का सत्तू बनाने की विधि

चने का सत्तू भी आप गेहूं के सत्तू की तरह तैयार कर सकते हैं। इसके लिए जरूरत के अनुसार साबुत चना लें। अब इसे अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद इसे पानी में भिगोकर रख दें। जब चना पानी सोख ले, तो इससे पानी से निकालकर धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। चना सूखने के बाद इसे अच्छी तरह से भुन लें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा नमक और जीरा मिक्स करके भुनें। चना जब अच्छी तरह से भुन जाए, तो इसे गैस से उतार लें। इसके बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें। जब चने ठंडे हो जाए, तो इसे ग्राइंडर की मदद से पीस लें। लीजिए चने का सत्तू तैयार है। अब आप इससे तरह-तरह के डिशेज तैयार कर सकते हैं।

  प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील  ‌‌                            (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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