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सरसों के तेल नहीं बल्कि रिफाइंड ऑयल में बना खाना खाइए और सेहत को मजबूत बनाइए। ऐसी कई सारे बातें आप सभी ने टीवी के विज्ञापनों में देखी और सुनी होगी। लेकिन क्या वाकई रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए अच्छा होता है? क्या रिफाइंड ऑयल में सरसों के तेल के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं?  रिफाइनिंग प्रक्रिया के कारण तेल में से बहुत सारे पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। अगर आप अधिक मात्रा में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है।

रिफाइंड ऑयल से शरीर को होने वाले नुकसान –

फैटी एसिड नहीं मिलता  

हमारा शरीर सही तरीके से काम कर सके इसके लिए फैटी एसिड जरूरी माना जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप नियमित तौर पर रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं तो छोटी उम्र में जोड़ों, कमर में दर्द की समस्या हो सकती है। अधिक मात्रा में रिफाइंड ऑयल का सेवन करने से आंख, दिल और दिमाग से संबंधित बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।

प्रोटीन पावर होती है जीरो

रिफाइंड ऑयल को बनाने की प्रक्रिया के दौरान इसमें से बास को पूरी तरह के निकाल दिया जाता है। जिसकी वजह से इसमें प्रोटीन की मात्रा शून्य रह जाती है। नियमित तौर पर सब्जी, परांठे और खाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करने से शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है।

स्किन के लिए नुकसानदायक

रिफाइंड ऑयल का जब प्रोसेस किया जाता है, तब उसके अंदर से नैचुरल चिकनाई को पूरी तरह के खत्म कर दिया जाता है। चिकनाई रहित तेल का इस्तेमाल करने से स्किन पर झुर्रियां, ड्राईनेस और पिंपल्स जैसी समस्या हो सकती है। अगर आप अपने खाने में 100 प्रतिशत सिर्फ रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं तो कम उम्र में ही स्किन पर बुढ़ापे के लक्षण देखने को मिलते हैं।

दिल की बीमारियों का कारण

रेगुलर बेसिस पर रिफाइंड ऑयल के इस्तेमाल से एचडीएल यानी के हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन नहीं प्राप्त हो पाता है। इसकी वजह से हार्ट संबंधित बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

    प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील  ‌‌                           (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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