अक्सर आपने देखा होगा कि कई लोगों के शरीर के किसी भी हिस्से में एकाएक काली गहरी लाइनें पड़नी शुरू हो जाती हैं, ये लाइनें ज्यादातर गर्दन के पिछले हिस्से में पड़ती हैं और महिलाओं के मुकाबले पुरूषों में ज्यादा देखी जाती हैं, कितना भी साफ करने पर ये लाइनें साफ नहीं होती और फिर लोग इसे अनदेखा करके फ्रिक करना छोड़ देते हैं, लेकिन ये एक बीमारी के संकेत हो सकते है जिसका नाम हैं अकन्थोसिस निगरिकन्स, जिसकी वजह से शरीर के कई हिस्सों में पिगमेंटेशन शुरू हो जाता है.
क्या है अकन्थोसिस निगरिकन्स ?
अकन्थोसिस निगरिकन्स एक तरह की पिगमेंटेशन हैं जो डायबिटीज की वजह से होती है, जिन लोगों को प्रीडायबिटीज की समस्या यानी की डायबिटीज की शुरूआत होती है उनमें ज्यादातर ये गर्दन के पास पिगमेंटेशन दिखाई देनी शुरू हो जाती है. शरीर में ऐसा इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होता है. जिसमें स्किन पर बड़े बड़े डार्क पैचिस दिखाई देने शुरू हो जाते हैं.
अकन्थोसिस निगरिकन्स के लक्षण
इसके सबसे बड़े लक्षणों में त्वचा के रंग में बदलाव होना शामिल है, जिसमें शरीर के कई हिस्से काले पड़ने लगते हैं, त्वचा सख्त और कठोर होने लगती है, स्किन पर रैशिज पड़ने लगते हैं. ये ज्यादातर शरीर के इन हिस्सों को प्रभावित करता है जिनमें
- बगल
- गर्दन
- पेट या जांघ के बीच का हिस्सा
- कोहनी
- घुटने
- होंठ
- हथेलियां
- पैर के तलवे
क्यों होता है अकन्थोसिस निगरिकन्स ?
इंसुलिन रेजिस्टेंस
ज्यादातर मामलों में इसकी वजह इंसुलिन रेजिस्टेंस की बीमारी हैं, इशमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता जिससे शरीर में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है और व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.
हार्मोनल असंतुलन
ये समस्या शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण भी हो सकती है इसकी वजह अंडाशय में गांठ का होना, हाइपोथायराडिज्म या एड्रेनल ग्लैंड में हुई कोई परेशानी हो सकती है.
कई प्रकार की दवाएं
गर्भनिरोधक गोलियों का और कई अन्य प्रकार की दवाईयों से भी ये बीमारी होने का खतरा बढ़ता है.
कैंसर
अकन्थोसिस निगरिकन्स लिंफोमा कैंसर की वजह से भी हो सकती है इसके अलावा ये पेट के कैंसर, कोलन कैंसर, लिवर का कैंसर बनने से भी होती है.
अकन्थोसिस निगरिकन्स से बचाव
- आप इस बीमारी को डॉक्टर को जरूर दिखाएं और टेस्टों की मदद से इसे कंफर्म करें.
- अगर ये समस्या प्री डायबिटीज की वजह से है तो डॉक्टर आपकी डाइट में सुधार और लाइफस्टाइल में बदलाव करने के लिए डायटीशियन की परामर्श लेने की सलाह दे सकत हैं.
- साथ ही इस बीमारी के लिए डॉक्टर कई प्रकार की दवाएं और सप्लीमेंट्स भी आपको लिख सकते हैं जिससे इसे कम किया जा सकता है.
- इससे बचाव के लिए आपको अपना वजन भी नियंत्रित करना चाहिए क्योंकि इसकी एक वजह मोटापा भी हो सकता है.
अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन एडुकेटर अहमदाबाद)