पहली बार मां बनने वाली महिला का भी बच्चे के साथ ही जन्म होता है. क्योंकि पहली बार बच्चे को जन्म देने तक उसे बेबी केयर का कोई अनुभव नहीं होता है. नवजात शिशु की देखभाल करना बहुत सावधानी भरा काम होता है. बेबी केयर टिप्स के बारे में जानकारी उनके लिए जरूरी होती है, जो पहली बार मां बनती हैं. बेबी हेल्थ केयर टिप्स की जानकारी हर मां को होनी चाहिए. नवजात शिशु की देखभाल के लिए उसके खान-पान, पोषण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होता है.

सफाई का ध्यान रखें

बेबी हेल्थ केयर टिप्स में सबसे पहला स्टेप होता है खुद को साफ रखना. क्योंकि मां की स्वच्छता ही बच्चे को हेल्दी बनाती है. नवजात बच्चे को अपनी गोद में लेने से पहले हाथों की सफाई के साथ अपने कपड़े भी साफ ही पहनें. अगर आप बाथ रूम या बाहर से आ रही हैं, तो अपने कपड़े जरूर बदलें.

नवजात को गोद में लेने का तरीका

पहली बार मां बनने पर आपको यह भी सीखना होता है कि बच्चे को गोद में कैसे लिया जाए. क्योंकि नवजात बच्चे को अगर ठीक से गोद में नहीं लेते हैं, तो उसकी रीढ़ और गर्दन की हड्डियों में दबाव बन सकता है. ऐसे में नवजात शिशु को गोद लेने का सही तरीका जरूर जान लें.

बेबी केयर विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चे को गोद में लेते वक्त उसके सिर और रीढ़ की हड्डी को विशेष सहायता देते हुए उठाना चाहिए. मां को बच्चे को अपने सीने में चिपकाकर रखना चाहिए. अगर बच्चा रो रहा है, तो उसकी पीठ पर हल्क थपकी या सहलाने की प्रक्रिया करनी चाहिए.

बच्चे को झटके और हिलाने से बचें

हम अक्सर देखते हैं कि जब बच्चा रोने लगता है तो लोग उसे गोद में लेकर हिलाने लगते हैं. बेबी केयर टिप्स में यह मना किया जाता है. नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चे को झटका या हिलाने से मस्तिष्क चोट का खतरा रहता है. ऐसे मे बच्चे के ब्रेन हेल्थ पर इफेक्ट पड़ता है.

छोटे बच्चों को गोद में लेकर हिलाने के बजाए धीरे-धीरे चलें और उसे हल्की थपकी के साथ सहलाएं. मां उसे कुछ गाने या लोरी भी सुना सकती है. इसे आप टिप्स फॉर बेबी केयर में सबसे ऊपर रख सकती हैं.

हवा में उछालने से बचें

कुछ लोगों को आप भी देखते ही हैं कि बच्चे को हवा में फेंक कर कैच करते हैं. कुछ लोग घुटनों में रखकर पालने जैसा झुलाते हैं. ये दोनों ही तरीके नवजात शिशु के लिए ठीक नहीं हैं. बेबी केयर टिप्स में इन दोनों तरीकों बिल्कुल मना किया जाता है.

नवजात को स्किन टच जरूरी

मां बनने के बाद आपको जो सबसे जरूरी चीज सीखनी है वो यह कि बच्चे को स्नेह ही नहीं आपके स्किन टच की भी जरूरत है. इसके लिए अपने बच्चे को अपने शरीर के स्किन का टच दें. यह एक तरह से कंगारू केयर भी है. बच्चे को अपने सीने से लगाएं. यह बच्चे को आपकी गर्मी के साथ उसकी धड़कनों को नियमित करने में भी मदद करता है. बच्चे को स्किन टच देने से उसका विकास तेजी से होता है.

शिशु से बात करें

यह सुनने में अजीब लग सकता है. लेकिन बच्चे की मां को अपने शिशु से बात करनी चाहिए. नवजात के मस्तिष्क विकास के लिए यह जरूरी होता है. नवजात शिशु का ब्रेन विकास के क्रम में रहता है ऐसे में उसे ध्वनि और शब्दों की आवाज सक्रिय करती है.

डायपर बदलने के टिप्स

नवजात बच्चे के अंडर गारमेंट्स और डायपर को बार-बार चेक करते रहें. हेल्दी बच्चा जल्दी-जल्दी पेशाब करता रहता है. ज्यादा समय तक गंदे डायपर के साथ रहने पर बच्चे में इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है. कई बार नवजात शिशु के स्किन पर चकत्ते पड़ जाते हैं. शिशु के कपड़े धोने का सही तरीका जानें.

नवजात की जरूरत समझें

आपके बच्चे को कब किस चीज की जरूरत है इसपर विशेष ध्यान रखें. नवजात शिशु की दो जरूरतें सबसे जरूरी होती है. एक तो समय पर फीड्स और फूड और दूसरा पर्याप्त नींद. बच्चे को फीड्स देने के बाद सोने का माहौल रखें ज्यादा शोर न हो इसका भी विशेष ध्यान रखें.

बेबी को हर दो घंटे में भूख लग सकती है. एक नवजात शिशू 24 घंटे में 16 से 20 घंटे की नींद लेना चाहता है. बच्चे को फीड्स देते समय हमेशा ध्यान रखें की आपके निप्पल ठीक तरह से साफ हैं. मां को इतने फायदे देता है बेबी को ब्रेस्‍ट फीड करवाना.

इसके अलावा आपको यह भी ध्यान देना है कि बच्चा स्तनपान से पेट भर पा रहा है या नहीं. अगर बच्चे के पर्याप्त दूध नहीं निकल रहा है तो अन्य विकल्प के तौर पर फीड्स बोटल तैयार रखें.

बेबी फीडिंग बोतल की सफाई जरूरी

अगर आप स्तनपान नहीं कराती हैं, तो बेबी फीडिंग बोतल की सफाई पर विशेष ध्यान दें. नियमित तौर पर फीडिंग बोतल को स्टरलाइज़ करें. दूध पिलाने से पहले बोतल को अच्छी तरह से धो लें. निप्पल की सफाई ठीक तरह से करें. यह बच्चे को बीमार कर सकता है.

नवजात शिशु को कैसे नहलाएं

वैसे तो जब तक बच्चे की गर्भनाल (umbilical cord) रहती है तब तक बच्चे को नहीं नहलाना चाहिए. जब गर्भनाल गिर जाए तब स्पंज स्नान से शुरुआत करनी चाहिए. बच्चे को नहलाते समय हमेशा सावधानी और सफाई का ध्यान रखें.

गर्भनाल की देखभाल

बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों तक गर्भनाल की देखभाल बहुत जरूरी होती है. लगभग 10 दिनों तक गर्भनाल बच्चे के साथ जुड़ी रहती है. इन दस दिनों में गर्भनाल की ठीक से सफाई जरूर करें. डॉक्टर द्वारा सुझाए गये पाउडर या क्रीम जरूर लगाएं.

नवजात को बर्प जरूर कराएं

जी हां, छोटे बच्चे को बर्प कराने की जिम्मेदारी भी मां की होती है. फीडिंग के बाद बच्चे को अपने सीने से लगाकर हल्की थपकी दें. ऐसा करने से बच्चा जरूरी बर्प कर लेता है. बर्प को हवा पास करना कहते हैं. कुछ लोग इसे पादना भी कहते हैं.

सुलाने के बेबी केयर टिप्स

शिशु को अच्छी नींद आये इसके लिए सुलाने के बेबी केयर टिप्स जरूर पता होना चाहिए. शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं अचानक शिशु की मृत्यु का कारण बच्चे का सही से न सोना ही होता है. बच्चे का बिस्तर ठीक से साफ हो और बच्चे के लिए आराम दायक हो. बच्चा बेड में ठीक से घूम और करवट ले सके इसका भी विशेष ध्यान रखें.

खिलौने बिस्तर से दूर रखें

कुछ लोग खिलौने बच्चे के बहुत करीब रखते हैं. बेबी केयर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सॉफ्ट खिलौने बच्चों की नींद में खलल डाल सकते हैं. हार्ड खिलौनों से जहां बच्चों को चोट लगने का डर रहता है, वहीं मुलायम खिलौनों से एलर्जी होने का डर रहता है.

बच्चे के कमरे की सफाई

हर मां बनने वाली महिला और घर वाले इस बात को हमेशा ध्यान में रखें. बच्चे का कमरा हमेशा साफ रहना चाहिए. बाहर से आने वाले लोगों को अपनी सफाई के बाद ही बच्चे के रूम में जाएं. कमरे में धूल न जाए इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए. कमरे में गंदगी होने से बच्चे को एलर्जी हो सकती है.

सही कपड़े पहनाएं

बेबी केयर में इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि बच्चा सही कपड़ा पहने. बच्चे को बहुत ज्यादा रंगीन कपड़े पहनाने की जगह सफेद और कॉटन के कपड़े का चयन करें. नवजात के कपड़े में बटन और पीन जैसी चीजे न हो तो बहुत ही अच्छा है.

बच्चे के रोने पर ध्यान दें

कुछ लोगों का मानना होता है कि बच्चे रोते ही हैं. लेकिन यह सोच गलत है. अगर बच्चा रो रहा है तो उसका मतलब है कि उसे किसी चीज की जरूरत है. अक्सर बच्चे खाने और सोने के लिए रोने लगते हैं.

अगर बच्चे को भूख लगी है, तो उसे फीडिंग दें और अगर उसके बाद भी रो रहा है तो उसे हल्की थपकी के साथ सुलाने की कोशिश करें. इसके बाद भी बच्चा रोता ही रहता है तो जांच करें कि उसे किस तरह की तकलीफ है. अगर कुछ ठीक से समझ नहीं आता तो डॉक्टर को दिखाएं.

बच्चे को अकेला न छोड़े

शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि दो महीने तक बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. नवजात बच्चों को 2 महीने तक विशेष तौर पर हमेशा नजर के सामने रखना चाहिये.

 

  प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                             (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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