विकास और प्रौद्योगिकी के इस बदलते दौर में मोबाइल मानव जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। एक पल के लिए भी कोई इसे खुद से दूर नहीं करना चाहता है। इसी का नतीजा है कि माता-पिता की देखा-देखी आज छोटे-छोटे बच्चे भी इसके आदी हो गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाड-प्यार के कारण आपने जिस उपकरण को अपने बच्चे की जिंदगी में दाखिल किया है, आगे चलकर वह आपके बच्चे की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

मोबाइल के अनहेल्दी इफेक्ट्स

ध्यान लगना:

मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से फोकस कर पाने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे आपका ध्यान किसी भी काम में ठीक से नहीं लगता और काम को करने में भी आप औसत से अधिक समय लगाते हैं.

आंखों की समस्याएं:

लगातार मोबाइल को आंखों के एकदम नज़दीक रखने से आंखों पर बहुत तनाव पड़ता है, जिससे आंखों में ड्राईनेस, ब्लर्ड विज़न (धुंधला दिखना) और सिरदर्द जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

अजन्मे बच्चे को रिस्क:

एक रिसर्च में यह पाया गया कि प्रेग्नेंसी के दौरान मोबाइल का अधिक इस्तेमाल बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट को धीमा कर सकता है या बच्चे को हाइपर एक्टिव बना सकता है, इसलिए इसे अवॉइड करें.

न्यूरोडिजनरेटिव डिसऑर्डर:

मोबाइल फोन से निकलनेवाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन आपके ब्रेन डीएनए को भी डैमेज कर सकता है. डैमेज बे्रन सेल्स आपके न्यूरोलॉजिकल फंक्शनिंग को प्रभावित करते हैं, जिससे नींद संबंधी समस्याओं के अलावा अल्ज़ाइमर और पार्किंसन्स डिसीज़ जैसी न्यूरोडिजनरेटिव डिसीज़ भी हो सकती है.

हार्ट प्रॉब्लम्स:

यूरोपियन जर्नल ऑफ ऑन्कोलॉजी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ मोबाइल फोन से निकलनेवाले रेडिएशन के कारण हार्ट की नॉर्मल फंक्शनिंग में अनियमितताएं आने लगती हैं, जिससे हार्ट प्रॉब्लम्स की शुरुआत हो सकती है.

पुरुषों में इंफर्टिलिटी:

मोबाइल से निकलनेवाला रेडिएशन और हीट दोनों ही पुरुषों के स्पर्म्स के लिए हानिकारक होता है, जिसके कारण उनमें इंफर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है.

कम सुनाई देना:

डॉक्टर्स के अनुसार रोज़ाना 2-3 घंटे मोबाइल का इस्तेमाल आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. घंटों मोबाइल पर बातें करना और हाई वॉल्यूम पर म्यूज़िक सुनना आपको आंशिक बहरेपन का शिकार भी बना सकता है.

ब्रेन कैंसर:

रेडिएशन हमारे बे्रन सेल्स को प्रभावित करता है, जिससे ब्रेन कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. ज़्यादा समय तक फोन पर बात न करें, बहुत ज़्यादा ईयरफोन का इस्तेमाल न करे और सबसे ज़रूरी, रात को सोते समय फोन को सिर के पास न रखें.

            प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                             (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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