वज्रासन महत्वपूर्ण और ध्यान योगासन में से एक है. वज्रासन का अर्थ होता है हीरे के आकार का या वज्र के आकार का. वज्रासन पाचन, रीढ़ की हड्डी, ध्यान आदि सहित कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. योग शरीर की कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है. कई ऐसे योग हैं जो मन और शरीर दोनों के लिए शानदार काम करते हैं. ऐसा ही एक योग वज्रासन भी है. ये न सिर्फ आसान है बल्कि कई कमाल के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है. बहुत से लोग यो आसनों के नाम तो जानते हैं लेकिन उन्हें करने का तरीका नहीं पता होता है तो फायदों की तो बात ही क्या करें. यहां वज्रासन करने का तरीका इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया गया है.
वज्रासन करने के स्वास्थ्य लाभ
भोजन के तुरंत बाद वज्रासन का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि यह पाचन क्षेत्र में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन सुनिश्चित करता है और एंजाइम और रस के स्राव को भी उत्तेजित करता है जिससे पाचन में मदद मिलती है. यह पेट के भारीपन से भी राहत दिलाता है.नियमित रूप से इस मुद्रा का अभ्यास करने और एक निश्चित अवधि के लिए उसी को धारण करने से एसिडिटी, कब्ज और गैस को कम करने में मदद मिलती है.
यह उस व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा योग मुद्रा है जो साइटिक और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं का सामना कर रहा है.टखनों और घुटनों को मजबूत करने के लिए यह एक अच्छी योग मुद्रा है. हालांकि नौसिखियों को घुटने और टखने के क्षेत्रों में दर्द का अनुभव हो सकता है, लेकिन अभ्यास के साथ यह टखनों और घुटनों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
यह ध्यान के लिए एक बेहतरीन योग मुद्रा है. इस प्रकार इसे तनाव और अवसाद से निपटने के लिए प्रभावी माना जाता है. ध्यान योग होने से एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाने में भी मदद मिलती है.बड़ी संख्या में लोगों की जांघें और काव्स मांसपेशियां कमजोर होती हैं. उचित तकनीक के साथ इस पोज का अभ्यास करने से जांघों और कव्स में पर्याप्त खिंचाव होता है जिससे इन मांसपेशियों को टोन किया जाता है.
ये योग पेल्विक क्षेत्र में उपयुक्त स्ट्रेच की सुविधा प्रदान करता है जिससे इस क्षेत्र की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती मिलती है.
वज्रासन करने का तरीका:
- अपने घुटनों को थोड़ा अलग करके योगा मैट पर बैठ जाएं.
- अपने पैरों को एडजस्ट करें ताकि बड़े पैर की उंगलियां एक दूसरे को छूएं और अपने हाथों को घुटनों पर रखें.
- नितम्बों को एड़ियों पर नीचे की ओर लाएं.
- सिर, गर्दन और पीठ एक सीध में होने चाहिए.
- पूरे शरीर को आराम दें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें.
- शुरुआत में 20-30 सेकंड के लिए स्थिति बनाए रखें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.
प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)