महिलाओं के लिए योग एक संपूर्ण चिकित्सा है, जिसमें हार्मोन बैलेंस से लेकर ग्लोइंग स्किन और शांत मन तक, सब कुछ संभव है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ योगासनों के बारे में, जिनके एक नहीं 10-10 स्वास्थ्य लाभ हैं।
गृहिणी हो या नौकरीपेशा, हर महिला की दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है। घर, परिवार, काम और खुद की सेहत सब कुछ संभालना आसान नहीं होता। आमतौर पर महिलाएं अपने घर-परिवार की जिम्मेदारी और दफ्तर के काम के बीच खुद के स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर जाती हैं, जिसका असर उन्हें कई तरीकों से देखने को मिलता है। शरीर में दर्द, माइग्रेन की समस्या, तनाव और अनिद्रा की स्थिति के अलावा चेहरे की रौनक, झुर्रियां और निखार को वह खो देती हैं। एक 30 साल की महिला कामकाज में इतनी व्यस्त हो जाती है कि वह 45 साल की महिला दिखने लगती हैं।
हालांकि महज योग महिलाओं को प्रभावित करने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिला सकता है। रोजाना सिर्फ 20 से 30 मिनट योगाभ्यास को समय देकर महिलाएं शरीर और मन दोनों में चमत्कारी बदलाव देख सकती हैं। कुछ योगासन तो खासतौर पर महिलाओं के शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। महिलाओं के लिए योग एक संपूर्ण चिकित्सा है, जिसमें हार्मोन बैलेंस से लेकर ग्लोइंग स्किन और शांत मन तक, सब कुछ संभव है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ योगासनों के बारे में, जिनके एक नहीं 10-10 स्वास्थ्य लाभ हैं।
भुजंगासन
- भुजंगासन पीठ की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में असरदार योग हैं।
- पाचन, लिवर और किडनी के कार्यों में सुधार करने वाला योगासन माना जाता है।
- यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
- छाती और फेफड़ों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को फैलाता है।
- तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है।
- साइटिका की समस्या को कम करने में लाभदायक है।
- भुजंगासन का नियमित अभ्यास अस्थमा के लक्षणों को कम करता है।
- प्रजनन प्रणाली में सुधार करने के लिए इस अभ्यास का फायदेमंद माना जाता है।
- अनियमित मासिक धर्म की समस्या भी दूर होती है।
- ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से आपके चेहरे पर निखार आता है।
पवनमुक्तासन
- पवनमुक्तासन के नियमित अभ्यास से गैस, अपच और कब्ज की समस्या में राहत मिलती है।
- जो लोग पेट की चर्बी से परेशान हैं, उन्हें रोज सुबह पवनमुक्तासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे अतिरिक्त वसा घटती है।
- पाचन तंत्र को सक्रिय बनाने और मेटाबाॅलिज्म को मजबूत करने में यह आसन बहुत लाभकारी माना जाता है।
- यह आसन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- पवनमुक्तासन के नियमित अभ्यास से पीठ और कमर के दर्द से छुटकारा मिलता है।
- इस आसन को जीवनशैली में शामिल करने से पेट दर्द खासकर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान राहत मिलती है।
- इस आसन से हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि यह रक्त संचार को बेहतर करता है।
- पवनमुक्तासन का अभ्यास मन शांत और तनाव कम करता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- पवनमुक्तासन शरीर को लचीला बनाता है, जिससे गतिशीलता में सुधार होता है।
- चूंकि इस आसन के अभ्यास से रक्त संचार बेहतर बनता है, इस कारण त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है।
नौकासन
- नौकासन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
- इस आसन के अभ्यास से पाचन में सुधार होता है।
- नौकासन का अभ्यास नियमित करने से तनाव और चिंता कम होती है।
- यह आसन पीठ, पेट, पैर और हाथ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर के लचीलेपन में सुधार होता है।
- यह आसन संतुलन में सुधार करने में सहायक है।
- रीढ़ की हड्डी को खिंचाव देता है, जिससे लचीलापन बढ़ता है।
- नौकासन के अभ्यास से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता के साथ करने से मानसिक सतर्कता बढ़ती है।
- यह आसन हर्निया से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।