सूखे मेवों की बात हो और पिस्ता का जिक्र न किया जाए, यह तो संभव ही नहीं है। इसका हल्का नमकीन स्वाद भला किसे पसंद नहीं होता। वहीं, मिठाइयों, खीर व हलवे आदि में पिस्ता हो, तो फिर इनके स्वाद के क्या कहने। यह तो बात हुई इसके स्वाद की, लेकिन पोषक तत्वों की बात की जाए, तो इस मामले में भी पिस्ता नंबर-1 है। इसके स्वास्थ्य संबंधी कई सारे फायदे भी हैं, जिसकी वजह से भी पिस्ता को खास सूखे मेवे की लिस्ट में गिना जाता है। इसके अलावा भी पिस्ते की कई सारी खूबियां हैं।

हृदय स्वास्थ्य के लिए

पिस्ता के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना शामिल है। पिस्ता पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। पिस्ता के सेवन से प्लामा टोटल कोलेस्ट्रॉल में सुधार हो सकता है। दरअसल, पिस्ता के सेवन से लो- डेंसिटी लिपोप्रोटीन (नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल) कम हो सकता है। वहीं, पिस्ता हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (लाभकारी कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने का काम कर सकता है। लो- डेंसिटी लिपोप्रोटीन के कम होने पर कोरोनरी हार्ट डिजीज और इस्केमिक हार्ट डिजीज का जोखिम कम हो सकता है।

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए

आंखें पूरे शरीर का सबसे अहम हिस्सा होती हैं। इन आंखों की देखभाल के लिए पिस्ता का प्रयोग किया जा सकता है। दरअसल, पिस्ता के गुण में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे कैरोटीनॉयड शामिल है, जो आंखों के रेटिना के लिए लाभकारी हो सकते हैं। आहार में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की कमी के कारण बढ़ते उम्र के साथ होने वाले ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (एएमडी) की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसमें ठीक तरह से दिखाई देना कम हो सकता है। ऐसे में पिस्ता के सेवन कर ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की पूर्ति हो सकती है, जो एएमडी की समस्या को दूर रखने का काम कर सकते हैं।

वजन घटाने में मददगार

बढ़ते हुए वजन को हर कोई रोकना चाहता है, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि पिस्ता खाने के फायदे में वजन घटाने का फायदा भी शामिल है। पिस्ता खाने की सही विधि पर हुए शोध के अनुसार, इसे खाने से कैलोरी की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है। पिस्ता में एंटीओबीस प्रॉपर्टीज भी होती है, जिससे स्टार्च ब्लॉकेज, भूख में कमी, वसा का अवशोषण और लो एनर्जी डेंसिटी का काम कर सकता है। इससे वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है

मधुमेह में कारगर

मधुमेह से बचाने में पिस्ता बादाम अपनी सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा सकता है। पिस्ता टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा और इंसुलिन प्रतिरोध पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे मधुमेह की स्थिति में कुछ हद तक सुधार हो सकता है। इस वैज्ञानिक शोध के अनुसार, पिस्ता में एंटी-डायबिटिक गतिविधि भी होती है, जो मधुमेह की समस्या को दूर रखने का काम कर सकती है

मस्तिष्क स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र में सहायक

पिस्ता बादाम खाने के फायदे मस्तिष्क स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र के लिए भी हो सकते हैं। पिस्ता में फेनोलिक कंपाउंड होता है, जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो एड्रेनाजिक (तांत्रिक कोशिकाओं से संबंधित) और नॉरएड्रेनाजिक (मस्तिष्क संबंधी हार्मोन) रिसेप्टर फंक्शन में उम्र से संबंधित परिवर्तन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है।

कैंसर से बचाने में सहायक

पिस्ता के फायदे कैंसर के जोखिम को बचाने में भी हो सकते हैं। पिस्ता केमो प्रिवेंटिव गुणों से समृद्ध होता है। इस प्रभाव के कारण यह कैंसर सेल को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है। पिस्ता में मौजूद पी-टोकोफेरोल (विटामिन-ई का एक रूप) और एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए

पिस्ता के लाभ में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करना भी शामिल है। पिस्ता में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। मैग्नीशियम प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाली बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही पिस्ते में मौजूद टोकोफेरॉल प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर कर सकता है। इस प्रकार पिस्ता का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

हीमोग्लोबिन के लिए फायदेमंद

सही से खान-पान न करने के कारण खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हीमोग्लोबिन के लिए भी पिस्ता के गुण मददगार हो सकते हैं। हीमोग्लोबिन की कमी आयरन की कमी के कारण होती है। वहीं, पिस्ता के सेवन से शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा पहुंचती है, जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ सकता है।

हड्डी को मजबूत बनाने में

हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी पिस्ता के फायदे नजर आ सकते हैं। पिस्ता में स्ट्रोन्शियम होता है, जो एक तरह का ट्रेस मिनरल होता है। स्ट्रोन्शियम को कैल्शियम के स्थान पर लिया जा सकता है। यह मिनरल हड्डियों और दांतों के बनावट में सुधार कर सकता है। साथ ही यह हड्डी के विकास और घनत्व को भी बढ़ावा देने का काम कर सकता है।

गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग में पिस्ता का उपयोग

गर्भवती को कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें से एक ओमेगा फैटी एसिड भी है। इससे होने वाले शिशु को स्वस्थ रखा जा सकता है। वहीं, पिस्ता में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पिस्ता के सेवन से शिशुओं में आयरन की पूर्ति हो सकती है। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पिस्ता का सेवन लाभदायक हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के लिए

पिस्ता बादाम के फायदे कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने के लिए हो सकते हैं। पिस्ता कुल कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने का काम कर सकता है। पिस्ता के 1 महीने की नियमित रूप से सेवन से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (SBP) में काफी कम आई।

त्वचा के लिए उपयोगी

त्वचा के लिए भी पिस्ता के फायदे देखे जा सकते हैं । पिस्ता के सेवन से त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। दरअसल पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव इंजरी और सूरज के अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान करने का काम कर सकता है। इसलिए, पिस्ता के लाभ त्वचा के लिए भी हो सकते हैं।

बालों के लिए

पिस्ता के उपयोग से बालों की भी देखरेख की जा सकती है। पिस्ता एमिनो एसिड का अच्छा स्रोत होता है, जो बालों के लिए जरूरी होता है। एमिनो एसिड बालों को मजबूती प्रदान कर बालों का झड़ना रोक सकता है। इसलिए, पिस्ता के लाभ बालों पर नजर आ सकता है। 

         प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                             (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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