हर फल की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से उसे पसंद किया जाता है। ऐसे ही फलों में सपोटा यानी चीकू का नाम भी शुमार है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यहां चीकू के फायदे और उपयोग के साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी आप जानेंगे। ध्यान रहे कि चीकू लेख में बताई गई बीमारियों का इलाज नहीं बल्कि उससे बचाव और उनके प्रभाव को कम करने में वैकल्पिक रूप से मददगार हो सकता है।
चीकू के फायदे
चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ध्यान दें कि चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है।
वजन नियंत्रण:
शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण वजन का अधिक होना आम होते जा रहा है। ऐसे में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू का सेवन करने से अप्रत्यक्ष रूप से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। चीकू फल गैस्ट्रिक एंजाइम के स्राव को नियंत्रित कर सकता है, जिससे आगे मेटाबॉलिज्म नियंत्रित हो सकता है। वहीं, चीकू में डाइटरी फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, इसके सेवन से लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। तो इस आधार पर चीकू को वजन कम करने के लिए प्रभावकारी माना जा सकता है।
कैंसर:
लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। हाल ही में किए गये शोध के मुताबिक चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैंसर एक गंभीर रोग है और इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो घरेलू उपचार की जगह डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता देना एक अच्छा फैसला है।
एनर्जी:
चीकू फल को एनर्जी यानी ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। दरअसल, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में सुक्रोज और फ्रुक्टोज नामक प्राकृतिक शुगर भी होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में लाभदायक माने जाते हैं। यही वजह है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दिन भर ऊर्जावान रहने के लिए किया जा सकता है। वर्कआउट के बाद चीकू या इसके शेक का सेवन तुरंत ऊर्जा देने का काम कर सकता है। बढ़ते बच्चों के लिए चिकू शेक एक पूर्ण भोजन है, जो कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है।
स्वस्थ हड्डियों के लिए चीकू के फायदे:
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं।
इम्यूनिटी:
चीकू के लाभ में इम्यूनिटी को बढ़ाना भी शामिल है। इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर, शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने और उनसे लड़ने में मदद कर सकता है l साथ ही विटामिन-सी स्ट्रेस की वजह से कमजोर होने वाली इम्यूनिटी में भी सुधार करने में लाभदायक हो सकता है।
प्रेगनेंसी:
कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है।
पाचन और कब्ज:
पाचन क्रिया में सुधार के लिए फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता है, इसलिए माना जाता है कि चीकू खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन छोटी आंत में होने वाली सूजन इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
रक्तचाप:
सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।
टूथ कैविटी:
दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। साथ ही इस पर किए गए शोध में जिक्र मिलता है कि सपोडिला (चीकू) फल में पाए जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है।
किडनी स्टोन के लिए चीकू के फायदे:
गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। दरअसल, इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
सर्दी और जुखाम:
चीकू के फायदे में खांसी-जुखाम से बचाव भी शामिल है। यह कफ और बलगम को नाक की और श्वसन पथ से हटाकर सीने की जकड़न और क्रॉनिक कफ से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। चीकू की पत्तियों का उपयोग भी सर्दी और खांसी के लिए किया जाता रहा है। ऐसे में माना जाता है कि इसकी पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीने से सर्दी और खांसी से राहत मिल सकती है। यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी प्रदर्शित करता है। ये गुण कुछ हद तक सर्दी-जुखाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।
मस्तिष्क के लिए चीकू खाने के फायदे:
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए चीकू मदद कर सकता है। माना जाता है कि यह दिमाग की नसों को शांत और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, अनिंद्रा, अवसाद और चिंता से गुजर रहे लोगों को भी सपोडिला का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, सपोटा में मौजूद आयरन दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। ऑक्सीजन दिमाग के लिए काफी आवश्यक होता है। यह मस्तिष्क के अच्छे कार्य को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, आयरन की कमी भी दिमाग को प्रभावित करती है। इसकी कमी की वजह से बेचैनी, चिड़चिड़ाहट और एकाग्रता में कमी होती है। इसलिए, माना जा सकता है कि चीकू का सेवन मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकता है।
एंटी–इंफ्लामेटरी:
टैनिन की उच्च मात्रा की वजह से चीकू एंटी-इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। यह आंत संबंधी समस्या, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह प्रभाव सूजन व एडिमा से बचाव यानी शरीर के किसी भी हिस्से में तरल पदार्थ व द्रव इकट्ठा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह इंफ्लामेशन से संबंधित अन्य रोग से भी राहत दिलाने और बचाव करने में फायदेमंद साबित हो सकता है। इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले रोग में गठिया ल्यूपस ( जब इम्यून सिस्टम खुद स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे जोड़ों, किडनी, हार्ट और कई हिस्सों पर असर पड़ता है), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की अक्षमता) जैसी बीमारियां शामिल हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में सहायक
चीकू ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करता है. इसे उबालकर भी आसानी से खाया जा सकता है. चीकू शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
पाएं ग्लोइंग स्किन
चीकू खाने से चेहरे की स्किन को ग्लो करने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा की रंगत में सुधार के साथ स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है. चीकू के साथ उसके छिलके भी स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.
प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)