पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) हार्मोन से जुड़ी समस्या है, जो महिलाओं को प्रजनन आयु के दौरान होती है। पीसीओएस की स्थिति में महिलाओं का मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है।
इस स्थिति में पीरियड्स अधिक दिनों तक भी रह सकते हैं। आपको बता दें कि पीसीओएस होने पर महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन नामक हार्मोन का अधिक मात्रा में उत्पादन होने लगता है। वैसे तो पीसीओएस का कोई सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ समस्याएं जैसे- थायराइड, हाइपरटेंशन, ओबेसिटी और इंसुलिन रेजिस्टेंस पीसीओएस का कारण बन सकता है। यानी पीसीओएस, इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंधित हो सकता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस
इंसुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर इंसुलिन का उपयोग उस तरीके से नहीं कर पाता है, जिस तरह उसे करना चाहिए। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब शरीर की कोशिकाएं ब्लड स्ट्रीम से ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती हैं। इंसुलिन एक हार्मोन है, जिसका उत्पादन अग्न्याशय में होता है। यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। जब शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता है, तो ओवरी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
इंसुलिन रेजिस्टेंस से पीसीएस का संबंध
पीसीओएस, इंसुलिन रेजिस्टेंस से इन 2 तरीकों से संबंधित हो सकता है-
**शरीर में जब इंसुलिन की मात्रा अधिक होती है, तो यह सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन को दबा देती है।लेकिन जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम (इंसुलिन प्रतिरोध ) होता है, तो सेक्स हार्मोन भी कम हो जाता है। इससे महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपको चेहरे पर बाल और मुंहासे हो सकते हैं। ये पीसीओएस के आम लक्षण होते हैं।
** इंसुलिन प्रतिरोध होने पर महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन का उत्पादन बढ़ने लगता है। इससे पीसीओएस के लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से पीसीओएस होने पर नजर आते हैं ये लक्षण
- वजन कम होना
- वजन बढ़ना
- त्वचा के रंग में बदलाव
- बार-बार भूख लगना
अगर आप पीसीओएस का इलाज करना चाहते हैं, तो पहले इंसुलिन प्रतिरोध को ठीक करना बहुत जरूरी है।
अमृता, नेशन्स न्यूट्रीशन (क्वालिफाइड डायटीशियन एडुकेटर / अहमदाबाद)